Saturday, December 27, 2008

नया साल है


जाने वाले तेरा शुक्रिया
आने वाले तुझे सलाम है !!
जो बीत गया वो सपना था
जो आ रहा वो नया साल है !!
खुदा करे सब खुशिया बांटे
मेरी यही दुआ हर बार है !!
छोडो पिछली बातें सारी
नए का स्वागत अब करना है !!
आओ मिल कर बैठे सोचें
अब क्या क्या अच्छा करना है !!

Friday, December 26, 2008

जो खुदा मिले तो


कियूं रखूं अपनी कलम मे स्याही मैं
जब कोई अरमान दिल मे मचलता नहीं!!
नहीं जानता मै कियूं शक करते हैं सब मुझ पर
जब मेरी किताब मै कोई सुखा फूल ही नहीं !!
प्यार तो बहुत करता हूँ उसको मैं पर क्या करुँ
यह पत्थर दिल है की पिघलता ही नहीं !!
जो खुदा मिले तो उस से अपना प्यार मांगूं
पर सूना है की वो किसी से मिलता ही नहीं !!

Wednesday, December 24, 2008

खुद को खो बैठे हम


चाँद को पाने की तम्मना कर बैठे हम
दिल देकर जिंदगी का सौदा कर बैठे हम !!
उनको पाया तो लगा चाँद को पा लिया
वो रूठे तो लगा जिंदगी खो बैठे हम !!
वो समझते रहे मज़ाक जिस बात को
उस को निभाने मे खुद को भी खो बैठे हम !!
आज निकले है खुद की तलाश मे ऐ खुदा
दिखाना रास्ता वर्ना फिर से भटक जायेंगे ये कदम !!

Saturday, December 20, 2008

टुकड़े कफ़न के


हकीक़त महज़ खेल होती जिस्मो का अगर
तो दुनियां आज भुला देती नाम आशिकों के !!
आँखों से गिरे ये आंसू तेरे प्यार की निशानी है
तूं समझे तो हीरा न समझे तो छींटे पानी के !!
किसी को मिल जाती है रंगीन बहारें यहाँ
किसी को नसीब नहीं होते नज़ारे चमन के !!
किसी की कब्र पे बनता ताज महल यहाँ
किसी को नसीब नहीं होते टुकड़े कफ़न के !!

Saturday, December 13, 2008

मुहब्बत प्यार की बातें


बहुत याद आती हैं यार की बातें
जब कभी चलती है प्यार की बातें !!
खूबसूरत फूलों की याद आती है
जब कोई करता है बहार की बातें !!
झांजर झुमके काजल और लाली
सब मिल के रचते श्रृंगार की बातें !!
आँखों मे शर्म लबों पे कम्पन
उफ़ ये उनके इज़हार की बातें !!
भुला दो इस ज़माने को आज
आओ करें मुहब्बत प्यार की बातें !!

Wednesday, December 10, 2008

प्यार है रब


आज फिर खुदा ने पूछा मुझे कि
तेरा हसता हुआ चेहरा उदास क्यों है !!
इन भीगी हूई आँखों मे
इतनी तड़प और प्यास क्यों है !!
जिनकी नज़रों मे तूं कुछ भी नहीं
वो तेरे लिए इतना ख़ास क्यों है !!
मैंने हस्ते हुए कहा खुदा से गर प्यार नहीं रब
तो मेरे लिए वो भी परेशान क्यों है !!

Wednesday, December 3, 2008

तेरी धड़कन


कहीं अकेला न मर जाऊँ
कोई दे जा याद सिन्धुरी
तुझे बिन देखे रह नहीं सकता,
है मेरे नैनो की मजबूरी!!
तूं लाख कोशिश कर ले
बन नींद तेरी आँखों मे रढ़कुंगा
आसानी से नहीं भूलेगी तूं
तेरी धड़कन बन के धड्कुंगा!!
तेरे बिन मै न जी पाउँगा
ये मुझे भी है पता जानती है तूं भी
न पा सका तुझे तो मर जाऊंगा
जिंदगी बेमतलब थी यूं भी !!

Tuesday, December 2, 2008

प्यार की गहरायी


एक मुद्दत हो गयी एक दूजे से दूर थे हम तुम
एक ज़माने के बाद यूं मिलना अच्छा लगा !!
सागर की गहरायी जैसा लगा प्यार तुमारा
तैरना आता नहीं था पर डूबना अच्छा लगा !!
तेरे बिन जीना दूभर और मरना भी मुश्किल
तेरा साथ पाकर जिंदगी का हर लम्हा जन्नत लगा !!
लोग पूछेंगे हमारी मुहब्बत के बारे मे अगर
नंगे पाँव रेत पर हमे चलना अच्छा लगा !!

Wednesday, November 26, 2008

मुहब्बत का फ़र्ज़


पता नहीं क्यों दिल् रंगीले ख्वाब सजा लेता है
क्यों इक नया गम जिंदगी को लगा लेता है !!
जब पता है खवाबो ने टूट ही जाना है फिर क्यों
सूखे पत्तों और टहनियों का घोंसला बना लेता है !!
पर क्या करें कुछ दिल् ही ऐसा दिया खुदा ने
जो हरेक को अपना बना लेता है !!
उनकी पाक मुहब्बत का फ़र्ज़ हम चुकाएं कैसे
जिन्हें माना रब से ज्यादा उन्हें झुकाएं कैसे !!

Tuesday, November 25, 2008

मुझे भुलाये बैठे हैं


ना जाने उनके दिल् मे क्या है
जो चुपचाप मुझे भुलाये बैठे हैं !!
कई बार तो खुदाया यूं लगे है
वो मुझे गलत समझ कर बैठे हैं !!
खुद ही कहते थे साथ निभाएंगे
अब औरों मे मसरूफ होकर बैठे हैं !!
खुदा खुश रखना मेरे उन अपनों को
जो मुझे याद भी करने से रह गए हैं!!

Wednesday, November 19, 2008

जिंदगी छोटी है


ये जिंदगी इतनी छोटी है
कहीं रूठने मनाने मे ना निकल जाये !!
ये कीमती पल मेरे सजना
कही विश्वास दिलाने मे ना निकल जाये !!
तेरे बिना मे रह नहीं पता
ये याद करने मे न निकल जाये !!
तुझे कैसे बताऊँ मे सिर्फ तेरा हूँ
कहीं जिंदगी यही समझाने मे न निकल जाये !!

पतझड़



मुझे मौत भी न आई और मै मर भी गया
मेरी जीत भी न हूई और मै हार भी गया !!
उसने छोडा भी नही उसने रखा भी नहीं
उसने आग भी ना लगाई और मै जल भी गया !!
इस प्यार की नदी मे उसकी याद की नदी मे
मै डूबता भी रहा और मैं तैरता भी गया !!
उसे देखा जब मैंने किसी और की डोली जाते
मुझसे देखा भी न गया और मै सह भी गया !!
मै बन गया वृक्ष सहे तेरे बे रहम दुःख
पतझड़ भी ना आया और मे झड़ भी गया !!

Tuesday, November 18, 2008

न मांग जुदाई


तेरे गम ने मुझे कलम पकडाई
मजबूर किया कुछ लिखने को !!
जब भी रब से कोई सौगात मांगूंगा
हर जनम मे तेरा ही साथ मांगूंगा !!
लगे न हमारे साथ को किसी की नज़र
यही दुआ मे रब से दिन रात मांगूंगा !!
हर जनम से पहले इस जनम की बात करें
न छोड़ हौसला आ खुल कर प्यार करें !!
बस इक इल्तजा है मेरी आज यही
मांगना है खुदा से तो मिलन मांग न मांग जुदाई !!

मेरी तस्वीर के टुकड़े


नींद आये तो खवाबों मे तूं
और ना सौउं तो यादो मे तूं !!
तेरे आगे खुद को भी हार बैठा हूँ
एक दिल् था मेरे पास जो तुझ पर वार बैठा हूँ !!
मौत पर भी मुझको यकीन तुझ पर भी ऐतबार है
देखें पहले कौन आता है दोनों का इंतज़ार है !!
और तूं रोई तो बहुत पर मुँह मोड़ कर रोई
शायद मजबूर होगी जो मेरा दिल् तोड़ कर रोई !!
मेरे ही सामने कर के मेरी तस्वीर के टुकड़े
मेरे जाने के बाद उसे जोड़ जोड़ कर खूब रोई !!

Sunday, November 16, 2008

शाम आखिरी है


आखिरी है ये अलविदा ये सलाम आखिरी है
मेरे लबों पर उनके लिए पैगाम आखिरी है !!
मैखाने में ख़त्म हुई, और मुझे अब पीनी नहीं
टूटे हुए पैमाने और ये जाम आखिरी है !!
बस वो चुप चाप से बैठे है आज लेकिन
उनके दिल मे मेरे लिए इक इल्जाम आखिरी है !!
आखिरी है मुलाकात मेरे यार के साथ आज
उनकी ये सुबह मगर मेरी ये शाम आखिरी है !!

जीने की आस


आज दिल की कहने को जी करता है
तेरे दिल मे रहने को जी करता है !!
खुशियाँ दे कर तुझे
तेरे गम सहने को जी करता है!!
खुदा जाने तेरा मेरा क्या रिश्ता है
आज तुझे अपना कहने को जी करता है !!
जो दर्द हिजर मे रिसते हैं
उस दर्द का तुझे अहसास नहीं !!
जो इश्क मुकाम न पा सका
उस दर्द का पन्ना याद नहीं !!
वक़्त हो चला अब फैसले का पर
तेरी जिद्द के सिवा कुछ पास नहीं !!
जीना मै भी चाहता हूँ तेरे साथ
पर मेरे जीने की
अब कोई आस नहीं !!

Monday, November 10, 2008

पाबंदियां


लोग दूसरों पर पाबंदियां लगाते हैं
तुने खुद पर ये ज़ुल्म क्यों ढहाया !!
वो पंछियों को पिंजरों मे डालते हैं
तुने खुद के लिए पिंजरा क्यों बनाया!!
तेरी इन पाबंदियों का मुझ पर जो असर हुआ
देख उन पाबंदियों ने मेरा क्या हाल बनाया !!
मेरे दर्द को तुने भी महसूस किया है हर पल
चाह कर भी मेरे ज़ख्मो पर मरहम क्यों न लगाया !!

Thursday, November 6, 2008

इम्तिहान


रो रो कर मेरी आँखों के आंसू भी सुख गए
दिल मे बसे मेरे सारे अरमान भी टूट गए!!
मेरे यार ने ना की कदर मेरी यारी की
हम उसे मनाने के लिए उसके क़दमों मे झुक गए !!
वो बाज़ न आया मुझे बार बार आजमाने से
हम प्यार के इम्तिहान देते देते पुरे टूट गए !!

Wednesday, November 5, 2008

बचपन के खेल


खेल बहुत बचपन मे खेले पर न जाने ये कैसा खेल हुआ
इक यार ऐसा बना बैठे ना बिछुड़ सके न मेल हुआ !!
दिल अपना टूटा कुछ ऐसे टुकड़े टुकड़े बिखर गया
फिर भी इल्जाम हम पर लगा दिल उनका क्यों तोड़ दिया !!
किसको गिला करे आज शिकवा किस से करे हम
दिल ऐसे टुटा है आज किसे बताएं अपना गम !!
हिम्मत टूट रही है जीने का नहीं मन अब मेरा
भ्रम टूट गया है अब मैं समझा था मैं हूँ तेरा !!
खताएं मेरी माफ़ करना बहुत नादान हूँ मैं
आज आखिरी सलाम कर लूं फिर चलता हूँ मैं !!

Friday, October 31, 2008

प्यार इसी को कहते हैं


यूं मेरा रातों को उठ उठ कर जागना
पागलों की तरह इधर उधर भागना !!
क्या प्यार इसी को कहते हैं
हाँ सच है प्यार इसी को कहते हैं !!
तेरी आवाज़ सुनाने को तरसना
ना चाहकर भी आँखों से आंसू बरसना !!
खुद से अपने चेहरे को छुपाना
रोते हुए भी हंस कर दिखाना !!
क्या प्यार इसी को कहते हैं
हाँ सच है प्यार इसी को कहते हैं !!

Sunday, October 26, 2008

ये तड़प


सोचा न था यूं तड़पेंगे हम दोनों इस कदर
तेरी आवाज़ सुनने को तडपा हूँ जिस कदर !!
आज ये हालत जो हम पर बने हैं यूं
मिलना चाहे भी तो मिल नहीं पाते हैं क्यूँ !!
जालिम ज़माने को क्या समझाए हम
बिछुड़ने का ना हम सह पाएंगे यूं गम !!
कुछ कर इस तरह की मिल पाए हम
जिंदगी है थोडी अब और न सह पाएंगे गम !!

Saturday, October 25, 2008

न होती सरहदे


रात का सन्नाटा चारो तरफ खामोशी
तेरे प्यार मे छाई है मुझ पर यूं बेहोशी!!
दिन भर तड़प कर गुज़रता है मेरा
रात आती है ख़याल लेकर तेरा !!
गर न होते हम इंसान न होती सरहदे
तो क्या होता जो तोड़ देते हम सभी हद्दें !!
फिर कौन हक जताता किसी पर इस कदर
रोज़ हम मिलते न होता किसी का भी डर !!
आज जब तूं बात करने से भी डरती है
तुझे क्या पता मेरी जान किस कदर जलती है !!
दुआएं तुझे जितनी भी दूँ वो बहुत कम हैं
तुझे क्या पता की मेरे सिने मे कितने गम हैं !!
चाहता हूँ तेरे चेहरे पर मुस्कुराहट हो हमेशां
पर जानता हूँ तूं कैसे खुश रहेगी गर मै हूँ परेशां!!

Saturday, October 18, 2008

जीने का राज


यूँ लगता है रह पाउँगा मै अब बिन तेरे
क्या
फर्क पड़ता है हमने लिए नही जो फेरे !!
रिश्ता है ये रूह का ये दोनों जानते है हम
आओ खुशिया बांटे जीवन मे रहे न कोई गम !!
कल के भरोसे रहे न हम जी लें जिंदगी आज
जान गए हम खुशियों से जीने का यही है राज !!
इक दूजे बिन रह नही पाते सच जान गए हम
खुशियों को बांटो और भूल दो सारे गम !!



Thursday, October 16, 2008

मेरा गीत हो तुम


जो मेरे होठों पर रहे सदा वो गीत हो तुम
जो मेरे कानो मे बजे सदा वो संगीत हो तुम !!
जिसके छूने से झनझना उठे मन वो सितार हो तुम
जिसके लिए मे जिंदा हूँ अब तक वो प्यार हो तुम !!
न मिलते तुम मुझे तो मै कहा होता क्या करता
अब मिले हो तुम तो ये दिल् बिछड़ने से है डरता !!
आज करो वादा न जाओगे मेरी जिंदगी से कभी
निभादो सारी कसमे पुरे करो आज वादे सभी!!
रंज न रहे दिल् मे कोई भी मरने के बाद
यूँही गीत संगीत बजते रहे मेरे जाने के बाद !!

Monday, October 13, 2008

वाएदे ख़वाब


ख़वाब तो हम बहुत देखते हैं
पर पूरा होता है कोई कोई !!
जिंदगी के सफ़र मे दोस्त बहुत मिलते हैं
पर दिल् मे उतरता है कोई कोई !!
चिराग तो सिर्फ रौशनी करते हैं
दिल् के अँधेरे दूर करता है
कोई कोई !!
गलतियां तो सभी करते है
पर गलती करके कबूलता है कोई कोई !!
सुख मे तो सभी साथ आते हैं
दुःख मे साथ निभाता है कोई कोई !!
वाएदे तो जान देने के हर कोई करता है
वक़्त आने पर जान देता है कोई कोई !!

Sunday, October 12, 2008

दर्द का एह्साह


तेरे दर्द का एह्साह मुझे होता है
कांटा तुझे चुभे दर्द मुझे होता है !!
तेरी आँख मे गर आंसू हो तो
दिल् मेरा ज़ार ज़ार रोता है !!
दूरी का एहसास हुआ तो पता चला
जिसे प्यार कहते थे वो प्यार क्या होता है!!
आज मेरे दिल् की तड़प ने समझा दिया
बिछुड़ने से दिल् का हाल क्या होता है !!
न दिन को चैन न आराम रातों को मुझे
मेरा हाल क्या है अब क्या बताऊँ तुझे !!
मेरे बिन बताये भी सब जानती है तूं
तुझसे बिछुड़ कर कब तक जिऊँगा यूं !!
अब समझ और पहचान हालातों को
प्यार को समझ और समझ मेरी बातों को !!

Tuesday, October 7, 2008

कौम के ठेकेदार



दो चेहरे लिए घूम रहे हैं लोग ज़रा बच के रहना
दिल मे कुछ है जुबां पर कुछ और ज़रा बच के रहना!!
सफ़ेद कपडे पहने घूम रहे है दिल के काले लोग
खुद को साधू कहते हैं जो विलास रहे हैं भोग!!
किस कितना करे यकीं समझ नहीं है आता
एक से बड़कर एक पड़े हैं मोदी हो या टाटा !!
हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई कहने को हम सब भाई
जिसका मौका जहा लगा औकात उसी ने दिखलाई !!
मज़हब के नाम पर धंदा करते हैं कौम के ठेकेदार
जो हमको लूट रहे हैं हम बने उन्ही के पहरेदार !!
न जाने कब जागेंगे हम और पहचानेंगे इनको
वही हमे लूट रहे हैं चुन कर भेजा था हमने जिनको !!

हिम्मत



आज तुने जो हिम्मत दिखाई है
मेरी जान मे फिर से जान आई है !!
अपने हक के लिए बोलना बहुत सिखाया मैंने
आज तुने जुबां खोल कर मेरी इज्ज़त बढ़ाई है !!
खुद के लिए लड़ना कभी गलत नहीं रहा
लेकिन ज़ुल्म सहना सबसे बड़ी बुराई है !!
युहीं रहना तुम हक के लिए लड़ना
खुदा के सिवा किसी और से न डरना !!
तूँ खुश रहे सदा मेरी दुआ है हर पल
नया सवेरा लेकर आये तेरा आने वाला कल !!

Thursday, October 2, 2008

दीवाने मिटेंगे नहीं

तुझे क्यों लगे अब घडी बिछुड़ने की आई है
मेरी मान कुछ भी नहीं बदलेगा यही सचाई है !!
खुद को मजबूत बना तूं साथ मेरा दे हर पल
जैसे हम आज मिले है यूँही मिलते रहेंगे कल !!
क्यों डरती है तूं इस जालिम ज़माने से इस कदर
हमने तो सिर्फ़ प्यार किया है कोई फैलाया नहीं ग़दर !!
फ़िर डरना क्यों इस बेदर्द ज़माने से
मिटेंगे प्यार के दीवाने किसी के मिटने से !!
तुझे कई बार समझाया बात मेरी मान
ज़माना मिटा नहीं पायेगा हमारी यूं पहचान !!

Tuesday, September 30, 2008

मायूिसयां

तेरी नज्िदिकया मेरा हर गम भुला देती हैं
तेरी मायूिसयां मुझे भी कभी रुला देती हैं!!
भुला दे ज़माने को इस कद्र तूं आज
देख मेरी तरफ न सुन् कोई और आवाज़!!
तेरे इन आंसुओं की कीमत मै जान्ता हूँ खूब
गुमों मे मैं भी इस कद्र चूका हूँ डूब!!
मुझे भी ज़रुरत है तेरे सहारे की आज
शायद यही है मेरे टूट कर प्यार करने का राज़!!
तुझे तो िदलासे िदए मैंने कई बार इस तरह
मुझे कौन राह िदखायेगा आज उसी तरह
न बहा यूं छुप छुप के आंसू बहुत कीमती हैं
बहारें िफर से आएँगी इतना भी यकीन है
महबूब की गौद मे सर रख के मर जाऊँ मैं अब
ज़माने की सुध नहीं मुझे इस कदर अब !!

Saturday, September 27, 2008

हमसाया

रात की इस तन्हाई मे तेरी याद मुझे सताये
तड़प तड़प मैं रह जाऊ मेरे कुछ समझ न आए !!
तेरी आँखों की वो किशश सारी रात मुझे याद आए
िबस्तर पर करवट मैं बदलू नींद मुझे न आए !!
तेरी भीगी आंखे देख िदल मेरा घबराए
हर पल मांगू रब से सुखो की बरसात तुझ पर हो जाये !!
तेरी याद मे जागूँ मैं कब रात गयी कब िदन आया
सुबह की पहली भोर हुई िफर तेरा ही ख़याल आया !!
तुझसे िमलने की चाह ने िफर िदल मेरा तड़पाया
चल पड़ा मे पकड़ राह को जब तक दर तेरा न आया !!
ख़तम हुआ तेरा इंतज़ार अब िदल तेरा धड्काया
छोड़ सभी िचताओं को मैं हूँ तेरा हमसाया !!

चुभन

िमलन के बाद जुदाई क्यों है
प्यार मे ये रुसवाई क्यों है !!
सीने मे प्यार की चुभन क्यों है
िंदल मे आज ऐसी घुटन क्यों है !!
चाह कर भी िंदल मे कोई तमन्ना क्यों नहीं
तू नहीं तो ये िंजदगी भी िंजदगी क्यों नहीं
!!
िकसकी रुसवाई से आज
मै अब डरु
अगर तू नहीं तो
मै अकेला जी कर क्या करू !!
समझता मै भी हूँ इन हालातो को इस कदर
तूं ना िमली मुझे तो भटकता िफरूंगा दर बदर !!
िजदगी मौत से बदतर लगती है तेरे न होने के खयालो से
खुद को क्यों िघरा पाती है बेमतलब के सवालों से !!
नामुमिकन है जीना इक दूजे के िबन अब
ये बात तेरे समझ मे आयेगी कब !!
सचाई से न भाग मेरी बात को मान
बातों को समझ और खुद को पहचान !!
यही सचाई है अब तेरे मेरे प्यार की
तुझसे िमलने से पहले तो िजंदगी ही दुश्वार थी !!

Wednesday, September 17, 2008

धर्म का रंग

बम्ब का कोई जात, मज़हब, धर्म या रंग नहीं होता
हादसों मे मरने वालो के अपनों को रोने के सिवा कोई चारा नहीं होता !!
सियासत दानो को इक नया मसला मिल जाता है
उन्हें इस से क्या कही किसी का परिवार बिखर जाता है !!
कहीं बाढ़ से मे कोई डूबे या धमाके मे कोई मरे
जिनका कोई कमाने वाला न रहे वो परिवार क्या करे !!
हुकूमत का अपना इक बहाना है हर पल एक जैसा
मरने वालों के नाम पर करते है सियासत बाँटते है पैसा !!
आखिर तक कब सहेंगे हम इस दोहरे जुल्मो सितम को इस तरह
गन्दी सियासत से बचेंगे तो मज़हब के फसाद से बचेंगे किस तरह !!
आओ मिलकर कोशिश करे और जवाब ढूंढे इन सवालो के
इंसानियत को समझें और किस्से ख़तम करें इन बवालों के !!
अब तो जाग जाओ वक़्त कुछ ज्यादा नहीं निकला अभी
अगर अब भी न जागे तो कुछ न कर पाओगे फिर कभी !!

Friday, September 5, 2008

क्या हम हैं



जहा देखो हम ही हम हैं
हम ही हम हैं तो क्या हम हैं
जो देखा उसके दिल मैं तो
मेरे लिए क्या मुहब्बत कम है
यूँ ग़लतफहमी मे जियें कब तक
और ख़ुद पर ज़ुल्म ढाए कब तक
जीना दुश्वार सा लगने लगा है
हमे अब ख़ुद से डर लगने लगा है
ख़ुद से भी डरें तो कब तक
इतना ज़ुल्म ढाए तो कब तक
क्योंकी.......
हम ही हम हैं तो क्या हम हैं

Thursday, September 4, 2008

वफ़ा क्या है

कोई नही जानता वफ़ा क्या है बेवफाई क्या है
िजसे जो अच्छा लगे वरना यहाँ सचाई क्या है !!
कभी िकसी को प्यार पर होता है शक यहाँ
और कभी कोई जताता है प्यार पर हक यहाँ !!
प्यार के माएने इन्हे अब समझाए कोई
प्यार तो सभी करते है पर जान देता है कोई कोई !!
आज मन मे ठाना है और उन्हें ये बताना है
ये बातें नही खोखली आज मौत से िमलने जाना है !!
जाने कौन सा सलाम आखीरी हो अब हमारा
आज िमल लो गले जाने िफर कब िमलेंगे दुबारा !!

Tuesday, September 2, 2008

अंितम िबदाई

आज मौत मेरे दरवाज़े खड़ी है
अंितम समय िबदाई की घडी है!!
उन्हें है मेरे प्यार पर शक
लगता है मेरा उनपर नहीं कोई हक!!
िजदगी हाथों से िफसल रही है
लगता है मौत मुझे िनगल रही है ै!!
जाने का वक़्त नज़दीक है आया
पर क्यूँ लगा की उसने मुझे है बुलाया!!
कब तलक यूँ देंगे खुद को झूठा िदलासा
अब तो ख़तम हो गयी है जीने की आसा!!
वक़्त आया है जाने का दो िबदाई मुझे
न रोना मेरे िलए अब ये कसम है तुझे!! !!

सचा प्यार

कोई समझाए उसे की प्यार नसीबों से िमलता है
ये ऐसा फूल है जो खुशिकस्मतों के िदलों मे िखलता है !!
ठुकरा दोगे गर इसे तो पछताओगे रोओगे अपने नसीब पर
छुट गया हाथ से सचा प्यार न आएगा िफर से लौट कर !!
अगले जनम की क्या बात करे हम आज िफर से
इस जनम मे न पाया तो अगले जनम की बात करेंगे िकस से !!
पूछूँगा भगवान् से गर िमला कभी िकसी जनम मे
गर देनी थी जुदाई तो क्यों जगाया प्यार िदलों मे !!
मांग लूँगा तुझे उस िदन खुदा से सब कुछ लुटा कर
गर देंगा नहीं वो तो छीन लूँगा अपनी जान भी देकर !!

Sunday, August 31, 2008

छोडो नफरतें

चाह कर भी अपनी परछाईं से भाग न पाओगे
जहा भी जाओगे साये की तरहं मुझे साथ पाओगे !!
मेरी दीवानगी की हद इस कदर बढने लगी है
तूं अब पास मेरे और पास आने लगी है !!
प्यार की हर हद आ आज पार कर जाएँ
तू मेरे और करीब आ इक दूजे मे समा जाएँ !!
भूल जाएँ आज ज़माने को इस कदर हम
खुश हो इतना की छू न पाए अब कोई भी गम !!
आ आज दे ज़माने को भी िमलकर ये पैगाम
छोडो नफरतें आज उठालो प्यार का ये जाम !!

Saturday, August 30, 2008

दूसरा जनम

शाम होते ही परछाइयों के कद लम्बे होने लगे
आज िफर से वो मेरे खयालो मे खोनेे लगे !!
प्यार का इज़हार तो कब का हो चूका
अब तो प्यार मे जीने मरने के वादे होने लगे !!
तेरे िबना जीना अब मुमिकन नहीं है मेरा
मेरे िबना भी जीना आसान नहीं है तेरा !!
आ आज वादा करें िमलकर इक दूजे से हम
जी न सके साथ अगर तो लेंगे दूसरा जनम हम !!

Friday, August 29, 2008

मेरे जज़्बात मेरी आवाज़

कभी कभी सोचता हूँ मैं जाग रहा हूँ
तुझे कैसे नींद आ जाती होगी
तूं जागे या सोये लेकिन मैं जानता हूँ
तुझे मेरी याद हर पल सताती होगी !!
खुद से उपर उठ कर सोचना चाहा
जब मैंने तेरी याद और भी सताने लगी
लाख कोशिशें की तुने मुझे से दूर जाने की
तूं और पास मेरे बहुत पास आने लगी !!
तेरी चुप से मेरे दिल पर क्या गुज़रती है
मेरी चुप ने तुझे अहसास दिलाया तो होगा
आज मेरी आवाज़ न सुन पाई है तूं
तेरे दिल मे बुरा ख़याल आया तो होगा !!
डर से तेरी रूह कांप गयी होगी आज
तू तड़प रही है सुनने को मेरी आवाज़
इधर भी कुछ ऐसे ही हैं हालात
तड़प मे भी रहा हूँ काबू मे नहीं जज़्बात!!

Wednesday, August 27, 2008

तेरी जिद

तेरी नज़रों मे मेरी हैसीयत क्या है ये जान गया
मेरी ज़मीन मेरा आसमान क्या है ये जान गया !!
किस कदर ग़लतफहमी मे जी रहा था अब मालूम हुआ
फिर क्यों कहते है की जब जागो तभी सवेरा हुआ !!
टूट कर तुझे प्यार किया मैंने ये तुझे भी पता था
तेरी इन बातों का असर क्या होगा ये भी पता था !!
मौत की तरफ मै बढता चला गया अहिस्ता अहिस्ता
मेरे लिए अब यही सब लगने लगा है गुलिस्ता !!
तेरी जिद मेरी जान लेकर रहेगी ये बताया था तुझे
तेरे बिना मै जी न पाउँगा मौत बुला रही है मुझे !!

Thursday, August 21, 2008

नफरतें

जिंदगी की राहें कभी मुश्किल हैं कभी आसान
जिस तरफ भी देखो यहाँ सभी हैं परेशान !!
किसी को पैसा चाहिए किसी को प्यार यहाँ
जिंदगी की इस दौड़ मे अब फुर्सत है कहाँ !!
ख्वाइशों बदती जा रही हैं इस दौर मे आजकल
लेकिन मे जिंदगी जीना चाहता हूँ तेरे साथ हरपल !!
ज़माना नफरतें फैला रहा है जिस तरफ भी देखो
किसी को आग लगाओ किसी पर पत्थर फैंको !!
यही चलन बन गया है इस नादान ज़माने का
पागल कहते है लोग लिखना काम मुझ दीवाने का !!

रूह का प्यार

ये कैसी उलझन ये कैसी कशमकश है इस पल
क्यों तूं सोचती है इतना इस तरह इस कदर !!
कुछ गलत नहीं है तेरे मेरे बीच ये जान ले तूं
हमारा प्यार रूह का है इस सचाई से हो तूं रूबरू !!
जी नहीं सकती तूं मेरे बिना और मैं तेरे बिना
इक दुसरे के बिना हम भूल गए है जीना !!
हम अगले जनम की बात करते हैं मिलने को
लेकिन ये जनम भी कम लग रहा है जीने को!!
आ इस जनम मे जी लें हम कुछ इस कदर
अगले जनम का वादा भी निभाएं मरकर !!

Sunday, August 17, 2008

सिर्फ प्यार हो रब

रोज़ रोज़ की नयी खबरों से परेशान हैं हम
इंसानियत पर बढ़ रहा है धर्मों का ये रंग!!
कोई मंदिर की ज़मीन को रोता यहाँ
कोई मस्जीद के झगडे उठाता वहाँ !!
इंसानियत को रोने वाला कोई नहीं है
सियासत की गर्मी आजकल बढ़ रही है !!
गिरे हुए लोगों का सिक्का चलता है यहाँ
मददगारों कहा जाता है गद्दार यहाँ !!
सियासत का रंग हर मज़हब मे नज़र आता यहाँ
हर िसयासत दान धर्म के नाम पर कमाता यहाँ !!
मुल्क या इंसान की किसको यहाँ पड़ी है
उठो यारो अब ये भी क्या सोचने की घडी है!!
बदलना है कुछ तो इस पुरानी सोच को बदलो
इन सियासत के दलालों को जला कर खाक करदो !!
दुनिया मे इक नया ज़लज़ला लाओ अब
इक ऐसी दुनिया जहां सिर्फ प्यार हो रब !!

Sunday, August 10, 2008

लेंगे दुसरा जनम हम

कोई कहे दिल की सुनो कोई कहे दिमाग की
परेशान मन उलझन मे है क्या करे सुने किसकी !!
दिमाग कहे उसे भूल जा दिल कहे उससे दूर न जा
क्या करूँ क्या न करूँ कुछ समझ मे आता नहीं !!
भूल कर तुझे न जी पाउंगा मैं ये जानती है तूं
दूर गया तुझसे मर जाऊंगा ये भी जानती है तूं !!
फिर क्यों मानती है दिल की ये बता दे मुझे
दूर होकर मुझसे न जी पायेगी ये पता है तुझे !!
अब लगता है फैसलें की घडी आयी है आज
मान ले दिल की और खोल दे सारे राज़ !!
ना जी पायेगी मेरे बिन ये जानती है तूं
मै भी न जी पाउँगा तेरे बिन मानती है तूं !!
आ वादा करे आज मिलकर एक दुसरे से हम
ना मिल पाए इस बार तो लेंगे दुसरा जनम हम !!

Thursday, August 7, 2008

िंजदगी िनयामत

ऐ हुसन की परी तूं कोई जादूगरनी है क्या
जो िदल को धड़का गया ये वही प्यार है तेरा !!
पहले तुने मुझे आिशक बनाया िफर दीवाना
प्यार होता है क्या ये मैंने अब जाना !!
पहले दीवाना िफर प्रेमी अब शायर बना
तेरे प्यार मे न जाने मैं क्या क्या बना !!
'तनु' अब लगा ले गले या िमटा दे मुझे
ये दीवाना जान से बढ़ कर चाहता है तुझे !!
ये िंजदगी िंजदगी नहीं अगर तूं इसमें नहीं
तूं है तो इस िंजदगी से बड़ी िनयामत कोई नहीं !!

Tuesday, August 5, 2008

एक परी

आसमान से उतरी एक परी सुंदर काली आँखों वाली
सीने मे नाजुक दिल लिए रंग की वो थोडी सांवली !!
होठों पर मीठी सी मुस्कान लिए सदा मुझे वो मिलती
जब भी मै उदास हुआ उससे देखते मेरी तबीयत खिलती !!
पर कभी कभी ये दिल डरता है ठंडी आहे भरता हैं
तुझसे बिछुड़ने के ख़याल से मरने को जी करता है !!
यूँही हस्ती रहना तुम मेरे मन मै खुशियाँ बिखरना
रब से यही दुआ मै मांगू हर जनम मे मेरी बनकर आना !!

Saturday, August 2, 2008

रोक ले मैनु दोस्ता

तुहीं मेरी जींद मेरी जान मेरे दोस्ता
तेरे उत्ते वार देनी जान मेरे दोस्ता !!
तेरे बाजो कोन मेरे प्यार नु समझे
तुंवी न समझें ते ऐ मेरी बदनसीबी मेरे दोस्ता !!
अज्ज दी रात मेरी आिखरी रात है
जे रोक सक्दें हथ फड के रोक ले मेरे दोस्ता !!
जुबान तो तैनू दोस्त कहना पर
तुहे मेरा प्यार मेरे दोस्ता !!
मौत दा डर मैनु कदे नहीं सी
पर तेरे वास्ते जीना मैं चाहना मेरे दोस्ता !!
अज्ज आिखरी वार तैनू मौका है
हथ फड के रोक ले मैनु दोस्ता !!
एह मौका िफर नईओं आँना
बाद चो ना पछ्तावी मेरे दोस्ता !!

तनु एह मजबूिरयाँ ने

दारू कहंदे शान पंजािबया दी
कई मेह्िफला एदे िबना अधुिरया ने
लोकी ते िपन्दे शोंक नाल
सािडया ते मजबूिरया ने
अस्सी प्यार उन्ना नु िकता ऐ
ओ प्यार साडा नहीं समझे ने
अस्सी जान उन्ना ते वार देनी
साडी गल नु मजाक समझदे ने
जद जान जायेगी यारा दी
जुबान ते ना उन्ना दा होवेगा
अर्थी िनकलेगी शान दे नाल
मरण दा गम वी नहीं होवेगा

आिखरी सलाम

अब वक़्त आ गया है तुझसे िकया हर वादा मै िनभा दूं
मेरा िदल करता है की अपनी हस्ती को ही िमटा दूं !!
ये नामुमिकन है 'तनु' की मै भूल जाऊ तुझे जीते जी
तुझसे िकया हर वादा आज मै िनभाऊंगा मर कर भी !!
जीते जी तो तुझे पा न सका मै तरसता रहा पल पल
मर कर तेरे िदल मै जगह बना लूँगा याद आऊंगा हरपल !!
मेरे मरने पर आंसू ना बहाना मेरे जाने का गम न करना
इतनी इल्तजा है मेरी मेरे मरने के बाद आंखे नम न करना !!

Wednesday, July 30, 2008

रात की इस 'खामोशी' मे

इस तन्हा रात की 'खामोशी' मे मै तुझ से बाते करता हूँ
रात की इस 'खामोशी' मे िसर्फ तेरी ही राह मैं तकता हूँ !!
तेरे प्यार मे 'तनु' मैंने ज़माने को भुला िदया अब
लेिकन तुझसे कभी िगला िकया बता मैंने कब !!
मेरा हर िदन शुरू होता है बस तेरे ही नाम से
मेरी िंजदगी ख़तम हो तो बस तेरे ही नाम पर !!
मेरे िंदल मे इक तम्मना है जो पूरी हो जाये कभी
मेरी जान जाये उस वक़्त तेरी गौद मे सर हो जभी !!

Monday, July 28, 2008

क्या लिखूं तुझ पर

प्यार इश्क मोहब्बत क्या चीज़ है बनाई रब ने
जिसने चखा इसे घुटने टेक दिए इसके आगे सबने
है ये वो बला "तनु" ना बच के जा पाओगे इससे
जब प्यार हो ही गया तो छुपाते हो किस से
जब प्यार हो पास तो ये जहा जन्नत सा लगे
जब हो जुदाई तो जीना भी भारी लगे
रोज़ तुझसे पूछना कि क्या लिखूं तुझ पर
बता दे कुछ ऐसा अहसान करदे मुझपर
सोते जागते तेरे ही ख़याल आते है आजकल
अब तो जुबां पर तेरा ही नाम रहता है अब हरपल

Sunday, July 27, 2008

'अहसास'

मेरी जिंदगी हो मेरा 'अहसास' हो मेरा प्यार हो तुम
जिसे खुदा से भी ज्यादा मानता हूँ वो विश्वास हो तुम !!
सब कुछ भूल सकता हूँ इस दुनिया मे अब तेरे सिवा
"जो आप को अच्छा लगे " ये हर पल कहना तेरा !!
तुझसे किया हर वादा मे निभाऊंगा उम्र भर
तेरे नाम लिख चूका हूँ मै जिंदगी का हर पल
ये अहसास हम दोनों को है अपने प्यार का
मेरी जिंदगी है तेरी मिटा दे या बना ले अपना

Saturday, July 26, 2008

प्यार का राज

आज मौत से सामना हुआ टूटती सांसे िंफर भी रही थी खींच
एक कदम का फांसला था मेरी िंजदगी और मौत के बीच !!
तेरी हाँ या ना ही बदल सकती थी सब कुछ आज
हम दोनों आज जान गए हैं अपने प्यार का हर राज़ !!
तेरे होठों पर ना रही पर हर पल िंदल
मे तो हां थी
मै जान गया आज तूं भी मेरे िंलए िंकतनी परेशान थी !!
"तनु" ये मेरा प्यार है आज तूं भी अच्छी तरह से जान गयी
मौत के करीब मै खडा था िंफर तुझे क्यों लगा के तेरी जान गयी !!

न दे मुझे ये सज़ा

मेरी गलितयों की इतनी बड़ी सज़ा न दे मुझे
जी न पाउँगा मैं तेरे िबन खो कर तुझे !!
मुझे दे दे माफ़ी या अपने हाथो से दे ज़हर
न छोड़ मुझे यूँ िजदा न ढहा ये कहर !!
तूँ जानती है "तनु" मैं न रह पाउँगा तेरे िबन
िजदगी है थोडी अब मेरी िगन रहा हूँ िदन !!
आज रोया हूँ तेरे सामने िजदगी मे पहली बार
तूँ भी जानती है मैं िकतना करता हूँ तुझसे प्यार !!
जो ज़ख्म आज खाए हैं मैंने अपने बदन पर
वो ज़ख्म जा कर लगे हैं मेरे िदल पर !!
आज ये वादा है मेरा तुझसे ऐ मेरे खुदा
मै ना जी पाउँगा गर हो गया उससे जुदा !!

Friday, July 25, 2008

िकस्मत

मेरी खुिशयों मेरी को मेरी ही नज़र लग जाती है
बदनसीबी दो िदन बाद लोट के िफर मेरी पास आती है !!
क्यों होता है यु मेरे साथ इस कदर ये जानता नहीं हूँ मैं
अब कैसे कहूँ के िकस्मत के िलखे को मानता नहीं हूँ मैं !!
खुदा जाने मेरा प्यार कब होगा मेरा ये सोचता हूँ मैं
आंखे बंद हो या खुली बस हर पल उसे ही देखता हूँ मैं !!
िकस्मत का िलखा तो मुझे िमल के रहेगा मेरे आका
मुझे वो दीिजये जो मेरे मुक्कदर मे ना हो
कभी अब ऐसा िदन ना आये के वो मेरे पहलु मे ना हो !!
ऐसा िदन जो आये तो मुझे उठा लेना ऐ मेरे खुदा
मै जी ना पाउँगा अब उसके िबना अगर मे हो गया जुदा !!
जुदाई का गम मुझसे िबलकुल भी सहा जाता नहीं है अब
मौत को गले लगा लूं तेरे िबन जीया जाता नहीं है अब

मेरी आंखे

तेरे इंतज़ार मै खुली रहती हैं ये आंखे हर पल
सुबह से शाम तेरे इंतज़ार मे रहती हैं हर पल
न दिन को चैन न रात को आराम है इनको
जिसे भी देखो अब वो पागल कहता है मुझको
ये मेरा प्यार है कैसे बताऊ सब को
कोई नहीं जनता की मै कितना चाहता हूँ तुझको
तेरे इंतज़ार मै खुली रहेंगी ये आंखे मर कर भी
जीते जी मै भुला ना पाउंगा तुझे चाह कर भी
मौत का अब खौफ नहीं है मुझे ये तुझे बता दूं
तेरी इन आँखों पर मै अपनी कई जिंदगियां लुटा दूं
या खुदा अब तो बस तुझसे ये फिरयाद है मेरी
मुझे देदे वो मेरा प्यार जिसमे बसी ज़िन्दगी है मेरी

तेरी झील सी आंखे

इन सुंदर काली आँखों मे बस जाने को जी चाहता है
झील सी गहरी आँखों मे डूब जाने को जी चाहता है
जो प्यार मिला इन आँखों से वो जिंदगी मेरी बन गया
इन आँखों की कशिश मे मैं उस खुदा को भी भूल गया
तेरी ये आंखे जिंदगी है मेरी यही खुदा है मेरा
भूलना चाहता हूँ इस जहा को क्योकि यही मुकाम है मेरा
तेरी इन आँखों मे बसी है मेरी तस्वीर हर पल
मेरी इन यादो मे बसी है तू और तेरी ये आंखे हर पल

तेरे ही घर मे

आज तेरे ही घर मे तेरी ही कलम से तुझे एक ख़त िलखा
िजसमे तेरे ही ख़याल तेरी ही तस्वीर नज़र आयी
तुझ से ही पूछा क्या िलखू तेरे िलए तेरे बारे मे
तेरे ही खयालो मे खोया रहा तेरे ही नगमे गाता रहा
ना जाने इस सब मे कब िदन गुज़रा कब शाम हुयी
मैं ये ही सोचता रहा और क्या िलखू तेरे बारे मे
अब जाने का वक़्त आया है और ये सोच रहा हु
ये ख़त तुझे कैसे दूं जो आज िलखा है
"तनु" तेरे ही घर मे तेरी ही कलम से !!

ख्वाइशे

रोज़ रोज़ उनसे िमलने की ख्वाइशे बढ़ने लगी
इस प्यार मै अब ये िजंदगी भी छोटी लगने लगी
उनके हर इनकार मै इकरार नज़र आता है हमे
आँखों में बेइन्तेहा प्यार नज़र आता है हमे
जान दे सकते है उनके िलए ये बता देंगे हम
आसमा को भी जमी पर उतार लेंगे हम
लोग चाँद को पाने की हसरत रखते हैं
इस चाँद को तो कब का पा चुके हम !!

लफ्जों का प्यार

मैं जब भी उसे देखता मेरे मन में कुछ होता
मैं समझ नहीं पाता की ये क्या है
एक दिन मैंने उसे अपने प्यार का इज़हार कर दिया
वो हसी और सर को हां मे हिला कर चली गयी
धीरे धीरे हम मिलने लगे प्यार बढता गया
लेकिन मुझे एक बात हर वक़्त सताती
वो कभी भी मेरी किसी बात का बोल कर जवाब नहीं देती
जब भी मे कोई बात कहता वो हस्ती सर हिला देती
मैं समझ नहीं पाता लेकिन मेरी परेशानी बदती गयी
एक दिन उसने मुझे ख़त दिया मैं परेशान था
मैंने ख़त पड़ा मेरे हाथ कांपे मे पत्थर की तरह जम गया
उसने उसमे लिखा की वो बोल नहीं सकती वो गूंगी है
मे सुन्न था क्या करू दिमाग काम नहीं कर रहा
मे उसे बहुत प्यार करता हूँ अपनी जान से जादा
मैं उसे मिला गले से लगाया खूब रोया और कहा
पगली प्यार को लफ्जों की ज़रुरत नहीं
मेरा प्यार मेरी जिंदगी है मेरी जिंदगी मेरी बाहों मे है!!

भीगी पलक

भीगी पलकों पर किसी का नाम है
कांपते होठो पर किसी का नाम है
ये नाम जो मेरे दिल पर लिखा है
कभी लिखता हूँ कभी मिटाता हूँ
बस यही अब काम है मेरा
कयोकी ये नाम है तेरा !!

मेरा खुदा

मेरे थिरकते होठो पर किसी का नाम आकर रुक गया
खुदा भी मेरे इस प्यार के आगे झुक गया !!
कहते हैं प्यार मे कोई शर्त नहीं होती
मैं प्यार मे शर्त लगा के लुट गया !!
मुझे लुटने वाला कोई और नहीं था
मेरा खुदा ही मुझे चुपके से लुट गया !!

मेरी किसमत

मेरी खुशियों मेरी को मेरी ही नज़र लग जाती है
बदनसीबी दो दिन बाद लोट के फिर मेरी पास आती है !!
क्यों होता है यु मेरे साथ इस कदर ये जानता नहीं हूँ मैं
अब कैसे कहूँ के किसमत के लिखे को मानता नहीं हूँ मैं !!
खुदा जाने मेरा प्यार कब होगा मेरा ये सोचता हूँ मैं
आंखे बंद हो या खुली बस हर पल उसे ही देखता हूँ मैं !!
किसमत का लिखा तो मुझे मिल के रहेगा मेरे आका
मुझे वो दीजिये जो मेरे मुक्कदर मे ना हो
कभी अब ऐसा दिन ना आये के वो मेरे पहलु मे ना हो !!
ऐसा दिन जो आये तो मुझे उठा लेना ऐ मेरे खुदा
मै जी ना पाउँगा अब उसके बिना अगर मे हो गया जुदा !!
जुदाई का गम मुझसे बिलकुल भी सहा जाता नहीं है अब
मौत को गले लगा लूं तेरे बिन जीया जाता नहीं है अब