मेरे थिरकते होठो पर किसी का नाम आकर रुक गया खुदा भी मेरे इस प्यार के आगे झुक गया !! कहते हैं प्यार मे कोई शर्त नहीं होती मैं प्यार मे शर्त लगा के लुट गया !! मुझे लुटने वाला कोई और नहीं था मेरा खुदा ही मुझे चुपके से लुट गया !!
जहा देखो हम ही हम हैं
हम ही हम हैं तो क्या हम हैं
जो देखा उसके दिल् मैं तो
मेरे लिए क्या मुहब्बत कम है
यूँ ग़लतफहमी मे जिए कब तक
और ख़ुद पर ज़ुल्म ढाए कब तक
जीना दुश्वार सा लगने लगा है
हमे अब ख़ुद से डर लगने लगा है
ख़ुद से भी डरें तो कब तक
इतना ज़ुल्म ढाए तो कब तक
क्योंकी.......
हम ही हम हैं तो क्या हम हैं