जाने वाले तेरा शुक्रिया आने वाले तुझे सलाम है !! जो बीत गया वो सपना था जो आ रहा वो नया साल है !! खुदा करे सब खुशिया बांटे मेरी यही दुआ हर बार है !! छोडो पिछली बातें सारी नए का स्वागत अब करना है !! आओ मिल कर बैठे सोचें अब क्या क्या अच्छा करना है !!
जहा देखो हम ही हम हैं
हम ही हम हैं तो क्या हम हैं
जो देखा उसके दिल् मैं तो
मेरे लिए क्या मुहब्बत कम है
यूँ ग़लतफहमी मे जिए कब तक
और ख़ुद पर ज़ुल्म ढाए कब तक
जीना दुश्वार सा लगने लगा है
हमे अब ख़ुद से डर लगने लगा है
ख़ुद से भी डरें तो कब तक
इतना ज़ुल्म ढाए तो कब तक
क्योंकी.......
हम ही हम हैं तो क्या हम हैं