Tuesday, December 2, 2008
प्यार की गहरायी
एक मुद्दत हो गयी एक दूजे से दूर थे हम तुम
एक ज़माने के बाद यूं मिलना अच्छा लगा !!
सागर की गहरायी जैसा लगा प्यार तुमारा
तैरना आता नहीं था पर डूबना अच्छा लगा !!
तेरे बिन जीना दूभर और मरना भी मुश्किल
तेरा साथ पाकर जिंदगी का हर लम्हा जन्नत लगा !!
लोग पूछेंगे हमारी मुहब्बत के बारे मे अगर
नंगे पाँव रेत पर हमे चलना अच्छा लगा !!