Wednesday, July 30, 2008

रात की इस 'खामोशी' मे

इस तन्हा रात की 'खामोशी' मे मै तुझ से बाते करता हूँ
रात की इस 'खामोशी' मे िसर्फ तेरी ही राह मैं तकता हूँ !!
तेरे प्यार मे 'तनु' मैंने ज़माने को भुला िदया अब
लेिकन तुझसे कभी िगला िकया बता मैंने कब !!
मेरा हर िदन शुरू होता है बस तेरे ही नाम से
मेरी िंजदगी ख़तम हो तो बस तेरे ही नाम पर !!
मेरे िंदल मे इक तम्मना है जो पूरी हो जाये कभी
मेरी जान जाये उस वक़्त तेरी गौद मे सर हो जभी !!

Monday, July 28, 2008

क्या लिखूं तुझ पर

प्यार इश्क मोहब्बत क्या चीज़ है बनाई रब ने
जिसने चखा इसे घुटने टेक दिए इसके आगे सबने
है ये वो बला "तनु" ना बच के जा पाओगे इससे
जब प्यार हो ही गया तो छुपाते हो किस से
जब प्यार हो पास तो ये जहा जन्नत सा लगे
जब हो जुदाई तो जीना भी भारी लगे
रोज़ तुझसे पूछना कि क्या लिखूं तुझ पर
बता दे कुछ ऐसा अहसान करदे मुझपर
सोते जागते तेरे ही ख़याल आते है आजकल
अब तो जुबां पर तेरा ही नाम रहता है अब हरपल

Sunday, July 27, 2008

'अहसास'

मेरी जिंदगी हो मेरा 'अहसास' हो मेरा प्यार हो तुम
जिसे खुदा से भी ज्यादा मानता हूँ वो विश्वास हो तुम !!
सब कुछ भूल सकता हूँ इस दुनिया मे अब तेरे सिवा
"जो आप को अच्छा लगे " ये हर पल कहना तेरा !!
तुझसे किया हर वादा मे निभाऊंगा उम्र भर
तेरे नाम लिख चूका हूँ मै जिंदगी का हर पल
ये अहसास हम दोनों को है अपने प्यार का
मेरी जिंदगी है तेरी मिटा दे या बना ले अपना

Saturday, July 26, 2008

प्यार का राज

आज मौत से सामना हुआ टूटती सांसे िंफर भी रही थी खींच
एक कदम का फांसला था मेरी िंजदगी और मौत के बीच !!
तेरी हाँ या ना ही बदल सकती थी सब कुछ आज
हम दोनों आज जान गए हैं अपने प्यार का हर राज़ !!
तेरे होठों पर ना रही पर हर पल िंदल
मे तो हां थी
मै जान गया आज तूं भी मेरे िंलए िंकतनी परेशान थी !!
"तनु" ये मेरा प्यार है आज तूं भी अच्छी तरह से जान गयी
मौत के करीब मै खडा था िंफर तुझे क्यों लगा के तेरी जान गयी !!

न दे मुझे ये सज़ा

मेरी गलितयों की इतनी बड़ी सज़ा न दे मुझे
जी न पाउँगा मैं तेरे िबन खो कर तुझे !!
मुझे दे दे माफ़ी या अपने हाथो से दे ज़हर
न छोड़ मुझे यूँ िजदा न ढहा ये कहर !!
तूँ जानती है "तनु" मैं न रह पाउँगा तेरे िबन
िजदगी है थोडी अब मेरी िगन रहा हूँ िदन !!
आज रोया हूँ तेरे सामने िजदगी मे पहली बार
तूँ भी जानती है मैं िकतना करता हूँ तुझसे प्यार !!
जो ज़ख्म आज खाए हैं मैंने अपने बदन पर
वो ज़ख्म जा कर लगे हैं मेरे िदल पर !!
आज ये वादा है मेरा तुझसे ऐ मेरे खुदा
मै ना जी पाउँगा गर हो गया उससे जुदा !!

Friday, July 25, 2008

िकस्मत

मेरी खुिशयों मेरी को मेरी ही नज़र लग जाती है
बदनसीबी दो िदन बाद लोट के िफर मेरी पास आती है !!
क्यों होता है यु मेरे साथ इस कदर ये जानता नहीं हूँ मैं
अब कैसे कहूँ के िकस्मत के िलखे को मानता नहीं हूँ मैं !!
खुदा जाने मेरा प्यार कब होगा मेरा ये सोचता हूँ मैं
आंखे बंद हो या खुली बस हर पल उसे ही देखता हूँ मैं !!
िकस्मत का िलखा तो मुझे िमल के रहेगा मेरे आका
मुझे वो दीिजये जो मेरे मुक्कदर मे ना हो
कभी अब ऐसा िदन ना आये के वो मेरे पहलु मे ना हो !!
ऐसा िदन जो आये तो मुझे उठा लेना ऐ मेरे खुदा
मै जी ना पाउँगा अब उसके िबना अगर मे हो गया जुदा !!
जुदाई का गम मुझसे िबलकुल भी सहा जाता नहीं है अब
मौत को गले लगा लूं तेरे िबन जीया जाता नहीं है अब

मेरी आंखे

तेरे इंतज़ार मै खुली रहती हैं ये आंखे हर पल
सुबह से शाम तेरे इंतज़ार मे रहती हैं हर पल
न दिन को चैन न रात को आराम है इनको
जिसे भी देखो अब वो पागल कहता है मुझको
ये मेरा प्यार है कैसे बताऊ सब को
कोई नहीं जनता की मै कितना चाहता हूँ तुझको
तेरे इंतज़ार मै खुली रहेंगी ये आंखे मर कर भी
जीते जी मै भुला ना पाउंगा तुझे चाह कर भी
मौत का अब खौफ नहीं है मुझे ये तुझे बता दूं
तेरी इन आँखों पर मै अपनी कई जिंदगियां लुटा दूं
या खुदा अब तो बस तुझसे ये फिरयाद है मेरी
मुझे देदे वो मेरा प्यार जिसमे बसी ज़िन्दगी है मेरी

तेरी झील सी आंखे

इन सुंदर काली आँखों मे बस जाने को जी चाहता है
झील सी गहरी आँखों मे डूब जाने को जी चाहता है
जो प्यार मिला इन आँखों से वो जिंदगी मेरी बन गया
इन आँखों की कशिश मे मैं उस खुदा को भी भूल गया
तेरी ये आंखे जिंदगी है मेरी यही खुदा है मेरा
भूलना चाहता हूँ इस जहा को क्योकि यही मुकाम है मेरा
तेरी इन आँखों मे बसी है मेरी तस्वीर हर पल
मेरी इन यादो मे बसी है तू और तेरी ये आंखे हर पल

तेरे ही घर मे

आज तेरे ही घर मे तेरी ही कलम से तुझे एक ख़त िलखा
िजसमे तेरे ही ख़याल तेरी ही तस्वीर नज़र आयी
तुझ से ही पूछा क्या िलखू तेरे िलए तेरे बारे मे
तेरे ही खयालो मे खोया रहा तेरे ही नगमे गाता रहा
ना जाने इस सब मे कब िदन गुज़रा कब शाम हुयी
मैं ये ही सोचता रहा और क्या िलखू तेरे बारे मे
अब जाने का वक़्त आया है और ये सोच रहा हु
ये ख़त तुझे कैसे दूं जो आज िलखा है
"तनु" तेरे ही घर मे तेरी ही कलम से !!

ख्वाइशे

रोज़ रोज़ उनसे िमलने की ख्वाइशे बढ़ने लगी
इस प्यार मै अब ये िजंदगी भी छोटी लगने लगी
उनके हर इनकार मै इकरार नज़र आता है हमे
आँखों में बेइन्तेहा प्यार नज़र आता है हमे
जान दे सकते है उनके िलए ये बता देंगे हम
आसमा को भी जमी पर उतार लेंगे हम
लोग चाँद को पाने की हसरत रखते हैं
इस चाँद को तो कब का पा चुके हम !!

लफ्जों का प्यार

मैं जब भी उसे देखता मेरे मन में कुछ होता
मैं समझ नहीं पाता की ये क्या है
एक दिन मैंने उसे अपने प्यार का इज़हार कर दिया
वो हसी और सर को हां मे हिला कर चली गयी
धीरे धीरे हम मिलने लगे प्यार बढता गया
लेकिन मुझे एक बात हर वक़्त सताती
वो कभी भी मेरी किसी बात का बोल कर जवाब नहीं देती
जब भी मे कोई बात कहता वो हस्ती सर हिला देती
मैं समझ नहीं पाता लेकिन मेरी परेशानी बदती गयी
एक दिन उसने मुझे ख़त दिया मैं परेशान था
मैंने ख़त पड़ा मेरे हाथ कांपे मे पत्थर की तरह जम गया
उसने उसमे लिखा की वो बोल नहीं सकती वो गूंगी है
मे सुन्न था क्या करू दिमाग काम नहीं कर रहा
मे उसे बहुत प्यार करता हूँ अपनी जान से जादा
मैं उसे मिला गले से लगाया खूब रोया और कहा
पगली प्यार को लफ्जों की ज़रुरत नहीं
मेरा प्यार मेरी जिंदगी है मेरी जिंदगी मेरी बाहों मे है!!

भीगी पलक

भीगी पलकों पर किसी का नाम है
कांपते होठो पर किसी का नाम है
ये नाम जो मेरे दिल पर लिखा है
कभी लिखता हूँ कभी मिटाता हूँ
बस यही अब काम है मेरा
कयोकी ये नाम है तेरा !!

मेरा खुदा

मेरे थिरकते होठो पर किसी का नाम आकर रुक गया
खुदा भी मेरे इस प्यार के आगे झुक गया !!
कहते हैं प्यार मे कोई शर्त नहीं होती
मैं प्यार मे शर्त लगा के लुट गया !!
मुझे लुटने वाला कोई और नहीं था
मेरा खुदा ही मुझे चुपके से लुट गया !!

मेरी किसमत

मेरी खुशियों मेरी को मेरी ही नज़र लग जाती है
बदनसीबी दो दिन बाद लोट के फिर मेरी पास आती है !!
क्यों होता है यु मेरे साथ इस कदर ये जानता नहीं हूँ मैं
अब कैसे कहूँ के किसमत के लिखे को मानता नहीं हूँ मैं !!
खुदा जाने मेरा प्यार कब होगा मेरा ये सोचता हूँ मैं
आंखे बंद हो या खुली बस हर पल उसे ही देखता हूँ मैं !!
किसमत का लिखा तो मुझे मिल के रहेगा मेरे आका
मुझे वो दीजिये जो मेरे मुक्कदर मे ना हो
कभी अब ऐसा दिन ना आये के वो मेरे पहलु मे ना हो !!
ऐसा दिन जो आये तो मुझे उठा लेना ऐ मेरे खुदा
मै जी ना पाउँगा अब उसके बिना अगर मे हो गया जुदा !!
जुदाई का गम मुझसे बिलकुल भी सहा जाता नहीं है अब
मौत को गले लगा लूं तेरे बिन जीया जाता नहीं है अब