Thursday, October 2, 2008

दीवाने मिटेंगे नहीं

तुझे क्यों लगे अब घडी बिछुड़ने की आई है
मेरी मान कुछ भी नहीं बदलेगा यही सचाई है !!
खुद को मजबूत बना तूं साथ मेरा दे हर पल
जैसे हम आज मिले है यूँही मिलते रहेंगे कल !!
क्यों डरती है तूं इस जालिम ज़माने से इस कदर
हमने तो सिर्फ़ प्यार किया है कोई फैलाया नहीं ग़दर !!
फ़िर डरना क्यों इस बेदर्द ज़माने से
मिटेंगे प्यार के दीवाने किसी के मिटाने से !!
तुझे कई बार समझाया बात मेरी मान
ज़माना मिटा नहीं पायेगा हमारी यूं पहचान !!