Wednesday, August 27, 2008

तेरी जिद

तेरी नज़रों मे मेरी हैसीयत क्या है ये जान गया
मेरी ज़मीन मेरा आसमान क्या है ये जान गया !!
किस कदर ग़लतफहमी मे जी रहा था अब मालूम हुआ
फिर क्यों कहते है की जब जागो तभी सवेरा हुआ !!
टूट कर तुझे प्यार किया मैंने ये तुझे भी पता था
तेरी इन बातों का असर क्या होगा ये भी पता था !!
मौत की तरफ मै बढता चला गया अहिस्ता अहिस्ता
मेरे लिए अब यही सब लगने लगा है गुलिस्ता !!
तेरी जिद मेरी जान लेकर रहेगी ये बताया था तुझे
तेरे बिना मै जी न पाउँगा मौत बुला रही है मुझे !!