
हकीक़त महज़ खेल होती जिस्मो का अगर
तो दुनियां आज भुला देती नाम आशिकों के !!
आँखों से गिरे ये आंसू तेरे प्यार की निशानी है
तूं समझे तो शबनम, न समझे तो छींटे पानी के !!
किसी को मिल जाती है रंगीन बहारें यहाँ
किसी को नसीब नहीं होते नज़ारे चमन के !!
किसी की कब्र पे बनता ताज महल यहाँ
किसी को नसीब नहीं होते टुकड़े कफ़न के !!