Thursday, August 7, 2008

िंजदगी िनयामत

ऐ हुसन की परी तूं कोई जादूगरनी है क्या
जो िदल को धड़का गया ये वही प्यार है तेरा !!
पहले तुने मुझे आिशक बनाया िफर दीवाना
प्यार होता है क्या ये मैंने अब जाना !!
पहले दीवाना िफर प्रेमी अब शायर बना
तेरे प्यार मे न जाने मैं क्या क्या बना !!
'तनु' अब लगा ले गले या िमटा दे मुझे
ये दीवाना जान से बढ़ कर चाहता है तुझे !!
ये िंजदगी िंजदगी नहीं अगर तूं इसमें नहीं
तूं है तो इस िंजदगी से बड़ी िनयामत कोई नहीं !!