Sunday, August 31, 2008

छोडो नफरतें

चाह कर भी अपनी परछाईं से भाग न पाओगे
जहा भी जाओगे साये की तरहं मुझे साथ पाओगे !!
मेरी दीवानगी की हद इस कदर बढने लगी है
तूं अब पास मेरे और पास आने लगी है !!
प्यार की हर हद आ आज पार कर जाएँ
तू मेरे और करीब आ इक दूजे मे समा जाएँ !!
भूल जाएँ आज ज़माने को इस कदर हम
खुश हो इतना की छू न पाए अब कोई भी गम !!
आ आज दे ज़माने को भी िमलकर ये पैगाम
छोडो नफरतें आज उठालो प्यार का ये जाम !!