Friday, October 31, 2008

प्यार इसी को कहते हैं


यूं मेरा रातों को उठ उठ कर जागना
पागलों की तरह इधर उधर भागना !!
क्या प्यार इसी को कहते हैं
हाँ सच है प्यार इसी को कहते हैं !!
तेरी आवाज़ सुनाने को तरसना
ना चाहकर भी आँखों से आंसू बरसना !!
खुद से अपने चेहरे को छुपाना
रोते हुए भी हंस कर दिखाना !!
क्या प्यार इसी को कहते हैं
हाँ सच है प्यार इसी को कहते हैं !!