Tuesday, November 18, 2008
न मांग जुदाई
तेरे गम ने मुझे कलम पकडाई
मजबूर किया कुछ लिखने को !!
जब भी रब से कोई सौगात मांगूंगा
हर जनम मे तेरा ही साथ मांगूंगा !!
लगे न हमारे साथ को किसी की नज़र
यही दुआ मे रब से दिन रात मांगूंगा !!
हर जनम से पहले इस जनम की बात करें
न छोड़ हौसला आ खुल कर प्यार करें !!
बस इक इल्तजा है मेरी आज यही
मांगना है खुदा से तो मिलन मांग, न मांग जुदाई !!