Thursday, September 30, 2010

इंसान को सिर्फ इंसान

हो गए आज़ाद चाहे गोरों के राज़ से
आज भी डरती है चिड़िया बाज से
कुछ तो झगडे करवाए धर्मों ने
और कुछ किया वहमो और भ्रमो ने
६० साल से बना मसला नहीं ख़तम होता
धर्म के ठेकेदारों के पास असला नहीं ख़तम होता
कभी हिन्दू सिख लड़े कभी मुसलमान
समझे न कोई इंसान को सिर्फ इंसान

Monday, July 26, 2010

दिल का दर्द

कर ली हसीं गलती
मेरे दिले नादान ने


मोह लिया मुझे उसकी
कातिल मुस्कान ने


दिल का दर्द
अब किसे बताऊ

जान बन कर जान
निकल ली मेरी जान ने

Sunday, April 18, 2010

jihna di fitrat vich dagaa oh kade vafaa nahi karde

jo rukh zyadaa uchche ne oh kade chhavaa nahi करदे


जिन्ना दी फितरत विच दगा ओह कदे वफ़ा नहीं करदे

जो रुख ज्यादा उच्चे ने ओह कदे छावा नहीं करदे


Wednesday, March 24, 2010

जीना नहीं आता

जिंदगी खुबसूरत है
हमें जीना नहीं आता

हर शै मे नशा है
हमें पीना नहीं आता

हम सब के बिना जी सकते हैं
पर तेरे बिना हमे जीना नहीं आता

Monday, March 1, 2010

नैनो कि मजबूरी


कहीं अकेले ही न मर जाएँ
कोई देजा याद सिन्धुरी

तुझे देखे बिना नहीं रह सकता
ये मेरे नैनो कि मजबूरी

मेरे दिल मे तू ही रहती है
ये जाने जहान सारा

एक तू न जाने ओ हरजाई
मेरे जीने के लिए तू ज़रूरी

Thursday, February 11, 2010

ज़हर

तेरे जाने के बाद
हमने हाल क्या बना लिया

ढूँढ़ते थे फूल
हाथ काँटों को लगा लिया !

दिल कि प्यास
बुझाने के ख्याल से

पानी के बदले
ज़हर होंठो को लगा लिया

Thursday, February 4, 2010

तो क्या करें

वफ़ा कि राह मे बेवफाई मिल जाये तो क्या करें

ख़ुशी कि राह मे गम मिल जाये तो क्या करें

कैसे बचें जिंदगी कि धोखे बाज़ी से

कोई हंस के धोखा दे जाये तो क्या करें

Sunday, January 24, 2010

तेरे दर पे


हर इक नज़र से नज़र चुरा के देख लिया
ज़माने कि नज़र से दुःख छुपा के देख लिया
सुना है बड़ा मज़ा है लुट जाने मे
मैंने तेरे इश्क मे सब कुछ लुटा के देख लिया
सुना है पिघल जाता है सारा गम आंसू बनके
नहीं पिघला मैंने नैनो से नीर बहा के देख लिया
ना एक भी खैरात डाली झोली मे पत्थर कि
मैंने तेरे दर पे कई बार आ के देख लिया