जाने वाले तेरा शुक्रिया आने वाले तुझे सलाम है !! जो बीत गया वो सपना था जो आ रहा वो नया साल है !! खुदा करे सब खुशिया बांटे मेरी यही दुआ हर बार है !! छोडो पिछली बातें सारी नए का स्वागत अब करना है !! आओ मिल कर बैठे सोचें अब क्या क्या अच्छा करना है !!
कियूं रखूं अपनी कलम मे स्याही मैं जब कोई अरमान दिल मे मचलता नहीं!! नहीं जानता मै कियूं शक करते हैं सब मुझ पर जब मेरी किताब मै कोई सुखा फूल ही नहीं !! प्यार तो बहुत करता हूँ उसको मैं पर क्या करुँ यह पत्थर दिल है की पिघलता ही नहीं !! जो खुदा मिले तो उस से अपना प्यार मांगूं पर सूना है की वो किसी से मिलता ही नहीं !!
चाँद को पाने की तम्मना कर बैठे हम दिल देकर जिंदगी का सौदा कर बैठे हम !! उनको पाया तो लगा चाँद को पा लिया वो रूठे तो लगा जिंदगी खो बैठे हम !! वो समझते रहे मज़ाक जिस बात को उस को निभाने मे खुद को भी खो बैठे हम !! आज निकले है खुद की तलाश मे ऐ खुदा दिखाना रास्ता वर्ना फिर से भटक जायेंगे ये कदम !!
हकीक़त महज़ खेल होती जिस्मो का अगर तो दुनियां आज भुला देती नाम आशिकों के !! आँखों से गिरे ये आंसू तेरे प्यार की निशानी है तूं समझे तो शबनम, न समझे तो छींटे पानी के !! किसी को मिल जाती है रंगीन बहारें यहाँ किसी को नसीब नहीं होते नज़ारे चमन के !! किसी की कब्र पे बनता ताज महल यहाँ किसी को नसीब नहीं होते टुकड़े कफ़न के !!
बहुत याद आती हैं यार की बातें जब कभी चलती है प्यार की बातें !! खूबसूरत फूलों की याद आती है जब कोई करता है बहार की बातें !! झांजर झुमके काजल और लाली सब मिल के रचते श्रृंगार की बातें !! आँखों मे शर्म लबों पे कम्पन उफ़ ये उनके इज़हार की बातें !! भुला दो इस ज़माने को आज आओ करें मुहब्बत प्यार की बातें !!
आज फिर खुदा ने पूछा मुझे कि तेरा हसता हुआ चेहरा उदास क्यों है !! इन भीगी हूई आँखों मे इतनी तड़प और प्यास क्यों है !! जिनकी नज़रों मे तूं कुछ भी नहीं वो तेरे लिए इतना ख़ास क्यों है !! मैंने हस्ते हुए कहा खुदा से गर प्यार नहीं रब तो मेरे लिए वो भी परेशान क्यों है !!
कहीं अकेला न मर जाऊँ कोई दे जा याद सिन्धुरी तुझे बिन देखे रह नहीं सकता, है मेरे नैनो की मजबूरी!! तूं लाख कोशिश कर ले बन नींद तेरी आँखों मे रहूंगा आसानी से नहीं भूलेगी तूं तेरी धड़कन बन के धड्कुंगा!! तेरे बिन मै न जी पाउँगा ये मुझे भी है पता जानती है तूं भी न पा सका तुझे तो मर जाऊंगा जिंदगी बेमतलब थी यूं भी !!
एक मुद्दत हो गयी एक दूजे से दूर थे हम तुम एक ज़माने के बाद यूं मिलना अच्छा लगा !! सागर की गहरायी जैसा लगा प्यार तुमारा तैरना आता नहीं था पर डूबना अच्छा लगा !! तेरे बिन जीना दूभर और मरना भी मुश्किल तेरा साथ पाकर जिंदगी का हर लम्हा जन्नत लगा !! लोग पूछेंगे हमारी मुहब्बत के बारे मे अगर नंगे पाँव रेत पर हमे चलना अच्छा लगा !!
पता नहीं क्यों दिल् रंगीले ख्वाब सजा लेता है क्यों इक नया गम जिंदगी को लगा लेता है !! जब पता है खवाबो ने टूट ही जाना है फिर क्यों सूखे पत्तों और टहनियों का घोंसला बना लेता है !! पर क्या करें कुछ दिल् ही ऐसा दिया खुदा ने जो हरेक को अपना बना लेता है !! उनकी पाक मुहब्बत का फ़र्ज़ हम चुकाएं कैसे जिन्हें माना रब से ज्यादा उन्हें झुकाएं कैसे !!
ना जाने उनके दिल् मे क्या है जो चुपचाप मुझे भुलाये बैठे हैं !! कई बार तो खुदाया यूं लगे है वो मुझे गलत समझ कर बैठे हैं !! खुद ही कहते थे साथ निभाएंगे अब औरों मे मसरूफ होकर बैठे हैं !! खुदा खुश रखना मेरे उन अपनों को जो मुझे याद भी करने से रह गए हैं!!
ये जिंदगी इतनी छोटी है कहीं रूठने मनाने मे ना निकल जाये !! ये कीमती पल मेरे सजना कही यकीन दिलाने मे ना निकल जाये !! तेरे बिना मैं रह नहीं पता ये याद करने मे न निकल जाये !! तुझे कैसे बताऊँ मैं सिर्फ तेरा हूँ कहीं जिंदगी यही समझाने मे न निकल जाये !!
मुझे मौत भी न आई और मै मर भी गया मेरी जीत भी न हूई और मै हार भी गया !! उसने छोडा भी नही उसने रखा भी नहीं उसने आग भी ना लगाई और मै जल भी गया !! इस प्यार की नदी मे उसकी याद की नदी मे मै डूबता भी रहा और मैं तैरता भी गया !! उसे देखा जब मैंने किसी और की डोली जाते मुझसे देखा भी न गया और मै सह भी गया !! मै बन गया वृक्ष सहे तेरे बे रहम दुःख पतझड़ भी ना आया और मे झड़ भी गया !!
तेरे गम ने मुझे कलम पकडाई मजबूर किया कुछ लिखने को !! जब भी रब से कोई सौगात मांगूंगा हर जनम मे तेरा ही साथ मांगूंगा !! लगे न हमारे साथ को किसी की नज़र यही दुआ मे रब से दिन रात मांगूंगा !! हर जनम से पहले इस जनम की बात करें न छोड़ हौसला आ खुल कर प्यार करें !! बस इक इल्तजा है मेरी आज यही मांगना है खुदा से तो मिलन मांग, न मांग जुदाई !!
नींद आये तो खवाबों मे तूं और ना सौउं तो मेरी यादो मे तूं !! तेरे आगे खुद को भी हार बैठा हूँ एक दिल् था मेरे पास जो तुझ पर वार बैठा हूँ !! मौत पर भी मुझको यकीन तुझ पर भी ऐतबार है देखें पहले कौन आता है, मुझे दोनों का इंतज़ार है !! और तूं रोई तो बहुत पर मुँह मोड़ कर रोई शायद मजबूर होगी जो मेरा दिल् तोड़ कर रोई !! मेरे ही सामने कर के मेरी तस्वीर के टुकड़े मेरे जाने के बाद उसे जोड़ जोड़ कर खूब रोई !!
आखिरी है ये अलविदा ये सलाम आखिरी है मेरे लबों पर उनके लिए पैगाम आखिरी है !! मैखाने में ख़त्म हुई, और मुझे अब पीनी नहीं टूटे हुए पैमाने और ये जाम आखिरी है !! बस वो चुप चाप से बैठे है आज लेकिन उनके दिल मे मेरे लिए इक इल्जाम आखिरी है !! आखिरी है मुलाकात मेरे यार के साथ आज उनकी ये सुबह मगर मेरी ये शाम आखिरी है !!
आज दिल की कहने को जी करता है तेरे दिल मे रहने को जी करता है !! खुशियाँ दे कर तुझे तेरे गम सहने को जी करता है!! खुदा जाने तेरा मेरा क्या रिश्ता है आज तुझे अपना कहने को जी करता है !! जो दर्द हिजर मे रिसते हैं उस दर्द का तुझे अहसास नहीं !! जो इश्क मुकाम न पा सका उस दर्द का पन्ना याद नहीं !! वक़्त हो चला अब फैसले का पर तेरी जिद्द के सिवा कुछ पास नहीं !! जीना मै भी चाहता हूँ तेरे साथ पर मेरे जीने की अब कोई आस नहीं !!
लोग दूसरों पर पाबंदियां लगाते हैं तुने खुद पर ये ज़ुल्म क्यों ढहाया !! वो पंछियों को पिंजरों मे डालते हैं तुने खुद के लिए पिंजरा क्यों बनाया!! तेरी इन पाबंदियों का मुझ पर जो असर हुआ देख उन पाबंदियों ने मेरा क्या हाल बनाया !! मेरे दर्द को तुने भी महसूस किया है हर पल चाह कर भी मेरे ज़ख्मो पर मरहम क्यों न लगाया !!
रो रो कर मेरी आँखों के आंसू भी सुख गए दिल मे बसे मेरे सारे अरमान भी टूट गए!! मेरे यार ने ना की कदर मेरी यारी की हम उसे मनाने के लिए उसके क़दमों मे झुक गए !! वो बाज़ न आया मुझे बार बार आजमाने से हम प्यार के इम्तिहान देते देते पुरे टूट गए !!
खेल बहुत बचपन मे खेले पर न जाने ये कैसा खेल हुआ इक यार ऐसा बना बैठे ना बिछुड़ सके न मेल हुआ !! दिल अपना टूटा कुछ ऐसे टुकड़े टुकड़े बिखर गया फिर भी इल्जाम हम पर लगा दिल उनका क्यों तोड़ दिया !! किसको गिला करे आज शिकवा किस से करे हम दिल ऐसे टुटा है आज किसे बताएं अपना गम !! हिम्मत टूट रही है जीने का नहीं मन अब मेरा भ्रम टूट गया है अब मैं समझा था मैं हूँ तेरा !! खताएं मेरी माफ़ करना बहुत नादान हूँ मैं आज आखिरी सलाम कर लूं फिर चलता हूँ मैं !!
यूं मेरा रातों को उठ उठ कर जागना पागलों की तरह इधर उधर भागना !! क्या प्यार इसी को कहते हैं हाँ सच है प्यार इसी को कहते हैं !! तेरी आवाज़ सुनाने को तरसना ना चाहकर भी आँखों से आंसू बरसना !! खुद से अपने चेहरे को छुपाना रोते हुए भी हंस कर दिखाना !! क्या प्यार इसी को कहते हैं हाँ सच है प्यार इसी को कहते हैं !!
सोचा न था यूं तड़पेंगे हम दोनों इस कदर तेरी आवाज़ सुनने को तडपा हूँ जिस कदर !! आज ये हालत जो हम पर बने हैं यूं मिलना चाहे भी तो मिल नहीं पाते हैं क्यूँ !! जालिम ज़माने को क्या समझाए हम बिछुड़ने का ना हम सह पाएंगे यूं गम !! कुछ कर इस तरह की मिल पाए हम जिंदगी है थोडी अब और न सह पाएंगे गम !!
रात का सन्नाटा चारो तरफ खामोशी तेरे प्यार मे छाई है मुझ पर यूं बेहोशी!! दिन भर तड़प कर गुज़रता है मेरा रात आती है ख़याल लेकर तेरा !! गर न होते हम इंसान न होती सरहदे तो क्या होता जो तोड़ देते हम सभी हद्दें !! फिर कौन हक जताता किसी पर इस कदर रोज़ हम मिलते न होता किसी का भी डर !! आज जब तूं बात करने से भी डरती है तुझे क्या पता मेरी जान किस कदर जलती है !! दुआएं तुझे जितनी भी दूँ वो बहुत कम हैं तुझे क्या पता की मेरे सिने मे कितने गम हैं !! चाहता हूँ तेरे चेहरे पर मुस्कुराहट हो हमेशां पर जानता हूँ तूं कैसे खुश रहेगी गर मै हूँ परेशां!!
यूँलगता हैरहनपाउँगामैअबबिनतेरे क्याफर्कपड़ताहैहमनेलिएनहीजोफेरे !! रिश्ता है ये रूह का ये दोनों जानते है हम आओ खुशिया बांटे जिंदगी मे रहे न कोई गम !! कल के भरोसे रहे न हम जी लें जिंदगी आज जान गए हम खुशियों से जीने का यही है राज !! इक दूजे बिन रह नही पाते सच जान गए हम खुशियों को बांटो और भुला दो सारे गम !!
जो मेरे होठों पर रहे सदा वो गीत हो तुम जो मेरे कानो मे बजे सदा वो संगीत हो तुम !! जिसके छूने से झनझना उठे मन वो सितार हो तुम जिसके लिए मे जिंदा हूँ अब तक वो प्यार हो तुम !! न मिलते तुम मुझे तो मै कहा होता क्या करता अब मिले हो तुम तो ये दिल् बिछड़ने से है डरता !! आज करो वादा न जाओगे मेरी जिंदगी से कभी निभादो सारी कसमे पुरे करो आज वादे सभी!! रंज न रहे दिल् मे कोई भी मरने के बाद यूँही गीत संगीत बजते रहे मेरे जाने के बाद !!
ख़वाब तो हम बहुत देखते हैं पर पूरा होता है कोई कोई !! जिंदगी के सफ़र मे दोस्त बहुत मिलते हैं पर दिल् मे उतरता है कोई कोई !! चिराग तो सिर्फ रौशनी करते हैं दिल् के अँधेरे दूर करता है कोई कोई !! गलतियां तो सभी करते है पर गलती करके कबूलता है कोई कोई !! सुख मे तो सभी साथ आते हैं दुःख मे साथ निभाता है कोई कोई !! वाएदे तो जान देने के हर कोई करता है वक़्त आने पर जान देता है कोई कोई !!
तेरे दर्द का एह्साह मुझे होता है कांटा तुझे चुभे दर्द मुझे होता है !! तेरी आँख मे गर आंसू हो तो दिल् मेरा ज़ार ज़ार रोता है !! दूरी का एहसास हुआ तो पता चला जिसे प्यार कहते थे वो प्यार क्या होता है!! आज मेरे दिल् की तड़प ने समझा दिया बिछुड़ने से दिल् का हाल क्या होता है !! न दिन को चैन न आराम रातों को मुझे मेरा हाल क्या है अब क्या बताऊँ तुझे !! मेरे बिन बताये भी सब जानती है तूं तुझसे बिछुड़ कर कब तक जिऊँगा यूं !! अब समझ और पहचान हालातों को प्यार को समझ और समझ मेरी बातों को !!
दो चेहरे लिए घूम रहे हैं लोग, ज़रा बच के रहना दिल मे कुछ है जुबां पर कुछ और, ज़रा बच के रहना!! सफ़ेद कपडे पहने घूम रहे है, दिल के काले लोग खुद को साधू कहते हैं जो, विलास रहे हैं भोग!! किस पर कितना करे यकीं समझ नहीं है आता एक से बड़कर एक पड़े हैं मोदी हो या टाटा !! हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई कहने को हम सब भाई जिसका मौका जहा लगा औकात उसी ने दिखलाई !! मज़हब के नाम पर धंदा करते हैं कौम के ठेकेदार जो हमको लूट रहे हैं हम बने उन्ही के पहरेदार !! न जाने कब जागेंगे हम और पहचानेंगे इनको वही हमे लूट रहे हैं चुन कर भेजा था हमने जिनको !!
आज तुने जो हिम्मत दिखाई है मेरी जान मे फिर से जान आई है !! अपने हक के लिए बोलना बहुत सिखाया मैंने आज तुने जुबां खोल कर मेरी इज्ज़त बढ़ाई है !! खुद के लिए लड़ना कभी गलत नहीं रहा लेकिन ज़ुल्म सहना सबसे बड़ी बुराई है !! युहीं रहना तुम हक के लिए लड़ना खुदा के सिवा किसी और से न डरना !! तूँ खुश रहे सदा मेरी दुआ है हर पल नया सवेरा लेकर आये तेरा आने वाला कल !!
तेरी नज्िदिकया मेरा हर गम भुला देती हैं तेरी मायूिसयां मुझे भी कभी रुला देती हैं!! भुला दे ज़माने को इस कद्र तूं आज देख मेरी तरफ न सुन् कोई और आवाज़!! तेरे इन आंसुओं की कीमत मै जानता हूँ खूब गुमों मे मैं भी इस कद्र चूका हूँ डूब!! मुझे भी ज़रुरत है तेरे सहारे की आज शायद यही है मेरे टूट कर प्यार करने का राज़!! तुझे तो िदलासे िदए मैंने कई बार इस तरह मुझे कौन राह िदखायेगा आज उसी तरह न बहा यूं छुप छुप के आंसू बहुत कीमती हैं बहारें िफर से आएँगी इतना भी यकीन है महबूब की गौद मे सर रख के मर जाऊँ मैं अब ज़माने की सुध नहीं मुझे इस कदर अब !!
रात की इस तन्हाई मे तेरी याद मुझे सताये तड़प तड़प मैं रह जाऊ मेरे कुछ समझ न आए !! तेरी आँखों की वो किशश सारी रात मुझे याद आए िबस्तर पर करवट मैं बदलू नींद मुझे न आए !! तेरी भीगी आंखे देख िदल मेरा घबराए हर पल मांगू रब से सुखो की बरसात तुझ पर हो जाये !! तेरी याद मे जागूँ मैं कब रात गयी कब िदन आया सुबह की पहली भोर हुई िफर तेरा ही ख़याल आया !! तुझसे िमलने की चाह ने िफर िदल मेरा तड़पाया चल पड़ा मे पकड़ राह को जब तक दर तेरा न आया !! ख़तम हुआ तेरा इंतज़ार अब िदल तेरा धड्काया छोड़ सभी िचताओं को मैं हूँ तेरा हमसाया !!
िमलन के बाद जुदाई क्यों है प्यार मे ये रुसवाई क्यों है !! सीने मे प्यार की चुभन क्यों है िंदल मे आज ऐसी घुटन क्यों है !! चाह कर भी िंदल मे कोई तमन्ना क्यों नहीं तू नहीं तो ये िंजदगी भी िंजदगी क्यों नहीं !! िकसकी रुसवाई से आज मैे अब डरु अगर तू नहीं तो मैे अकेला जी कर क्या करू !! समझता मै भी हूँ इन हालातो को इस कदर तूं ना िमली मुझे तो भटकता िफरूंगा दर बदर !! िजदगी मौत से बदतर लगती है तेरे न होने के खयालो से खुद को क्यों िघरा पाती है बेमतलब के सवालों से !! नामुमिकन है जीना इक दूजे के िबन अब ये बात तेरे समझ मे आयेगी कब !! सचाई से न भाग मेरी बात को मान बातों को समझ और खुद को पहचान !! यही सचाई है अब तेरे मेरे प्यार की तुझसे िमलने से पहले तो िजंदगी ही दुश्वार थी !!
बम्ब का कोई जात, मज़हब, धर्म या रंग नहीं होता हादसों मे मरने वालो के अपनों को रोने के सिवा कोई चारा नहीं होता !! सियासत दानो को इक नया मसला मिल जाता है उन्हें इस से क्या कही किसी का परिवार बिखर जाता है !! कहीं बाढ़ से मे कोई डूबे या धमाके मे कोई मरे जिनका कोई कमाने वाला न रहे वो परिवार क्या करे !! हुकूमत का अपना इक बहाना है हर पल एक जैसा मरने वालों के नाम पर करते है सियासत बाँटते है पैसा !! आखिर तक कब सहेंगे हम इस दोहरे जुल्मो सितम को इस तरह गन्दी सियासत से बचेंगे तो मज़हब के फसाद से बचेंगे किस तरह !! आओ मिलकर कोशिश करे और जवाब ढूंढे इन सवालो के इंसानियत को समझें और किस्से ख़तम करें इन बवालों के !! अब तो जाग जाओ वक़्त कुछ ज्यादा नहीं निकला अभी अगर अब भी न जागे तो कुछ न कर पाओगे फिर कभी !!
आज मौत मेरे दरवाज़े खड़ी है अंितम समय िबदाई की घडी है!! उन्हें है मेरे प्यार पर शक लगता है मेरा उनपर नहीं कोई हक!! िजदगी हाथों से िफसल रही है लगता है मौत मुझे िनगल रही है ै!! जाने का वक़्त नज़दीक है आया पर क्यूँ लगा की उसने मुझे है बुलाया!! कब तलक यूँ देंगे खुद को झूठा िदलासा अब तो ख़तम हो गयी है जीने की आसा!! वक़्त आया है जाने का दो िबदाई मुझे न रोना मेरे िलए अब ये कसम है तुझे!! !!
कोई समझाए उसे की प्यार नसीबों से िमलता है ये ऐसा फूल है जो खुशिकस्मतों के िदलों मे िखलता है !! ठुकरा दोगे गर इसे तो पछताओगे रोओगे अपने नसीब पर छुट गया हाथ से सचा प्यार न आएगा िफर से लौट कर !! अगले जनम की क्या बात करे हम आज िफर से इस जनम मे न पाया तो अगले जनम की बात करेंगे िकस से !! पूछूँगा भगवान् से गर िमला कभी िकसी जनम मे गर देनी थी जुदाई तो क्यों जगाया प्यार िदलों मे !! मांग लूँगा तुझे उस िदन खुदा से सब कुछ लुटा कर गर देंगा नहीं वो तो छीन लूँगा अपनी जान भी देकर !!
चाह कर भी अपनी परछाईं से भाग न पाओगे जहा भी जाओगे साये की तरहं मुझे साथ पाओगे !! मेरी दीवानगी की हद इस कदर बढने लगी है तूं अब पास मेरे और पास आने लगी है !! प्यार की हर हद आ आज पार कर जाएँ तू मेरे और करीब आ इक दूजे मे समा जाएँ !! भूल जाएँ आज ज़माने को इस कदर हम खुश हो इतना की छू न पाए अब कोई भी गम !! आ आज दे ज़माने को भी िमलकर ये पैगाम छोडो नफरतें आज उठालो प्यार का ये जाम !!
शाम होते ही परछाइयों के कद लम्बे होने लगे आज िफर से वो मेरे खयालो मे खोनेे लगे !! प्यार का इज़हार तो कब का हो चूका अब तो प्यार मे जीने मरने के वादे होने लगे !! तेरे िबना जीना अब मुमिकन नहीं है मेरा मेरे िबना भी जीना आसान नहीं है तेरा !! आ आज वादा करें िमलकर इक दूजे से हम जी न सके साथ अगर तो लेंगे दूसरा जनम हम !!
कभी कभी सोचता हूँ मैं जाग रहा हूँ तुझे कैसे नींद आ जाती होगी तूं जागे या सोये लेकिन मैं जानता हूँ तुझे मेरी याद हर पल सताती होगी !! खुद से उपर उठ कर सोचना चाहा जब मैंने तेरी याद और भी सताने लगी लाख कोशिशें की तुने मुझे से दूर जाने की तूं और पास मेरे बहुत पास आने लगी !! तेरी चुप से मेरे दिल पर क्या गुज़रती है मेरी चुप ने तुझे अहसास दिलाया तो होगा आज मेरी आवाज़ न सुन पाई है तूं तेरे दिल मे बुरा ख़याल आया तो होगा !! डर से तेरी रूह कांप गयी होगी आज तू तड़प रही है सुनने को मेरी आवाज़ इधर भी कुछ ऐसे ही हैं हालात तड़प मे भी रहा हूँ काबू मे नहीं जज़्बात!!
तेरी नज़रों मे मेरी हैसीयत क्या है ये जान गया मेरी ज़मीन मेरा आसमान क्या है ये जान गया !! किस कदर ग़लतफहमी मे जी रहा था अब मालूम हुआ फिर क्यों कहते है की जब जागो तभी सवेरा हुआ !! टूट कर तुझे प्यार किया मैंने ये तुझे भी पता था तेरी इन बातों का असर क्या होगा ये भी पता था !! मौत की तरफ मै बढता चला गया अहिस्ता अहिस्ता मेरे लिए अब यही सब लगने लगा है गुलिस्ता !! तेरी जिद मेरी जान लेकर रहेगी ये बताया था तुझे तेरे बिना मै जी न पाउँगा मौत बुला रही है मुझे !!
जिंदगी की राहें कभी मुश्किल हैं कभी आसान जिस तरफ भी देखो यहाँ सभी हैं परेशान !! किसी को पैसा चाहिए किसी को प्यार यहाँ जिंदगी की इस दौड़ मे अब फुर्सत है कहाँ !! ख्वाइशों बदती जा रही हैं इस दौर मे आजकल लेकिन मे जिंदगी जीना चाहता हूँ तेरे साथ हरपल !! ज़माना नफरतें फैला रहा है जिस तरफ भी देखो किसी को आग लगाओ किसी पर पत्थर फैंको !! यही चलन बन गया है इस नादान ज़माने का पागल कहते है लोग लिखना काम मुझ दीवाने का !!
ये कैसी उलझन ये कैसी कशमकश है इस पल क्यों तूं सोचती है इतना इस तरह इस कदर !! कुछ गलत नहीं है तेरे मेरे बीच ये जान ले तूं हमारा प्यार रूह का है इस सचाई से हो तूं रूबरू !! जी नहीं सकती तूं मेरे बिना और मैं तेरे बिना इक दुसरे के बिना हम भूल गए है जीना !! हम अगले जनम की बात करते हैं मिलने को लेकिन ये जनम भी कम लग रहा है जीने को!! आ इस जनम मे जी लें हम कुछ इस कदर अगले जनम का वादा भी निभाएं मरकर !!
रोज़ रोज़ की नयी खबरों से परेशान हैं हम इंसानियत पर बढ़ रहा है धर्मों का ये रंग!! कोई मंदिर की ज़मीन को रोता यहाँ कोई मस्जीद के झगडे उठाता वहाँ !! इंसानियत को रोने वाला कोई नहीं है सियासत की गर्मी आजकल बढ़ रही है !! गिरे हुए लोगों का सिक्का चलता है यहाँ मददगारों कहा जाता है गद्दार यहाँ !! सियासत का रंग हर मज़हब मे नज़र आता यहाँ हर िसयासत दान धर्म के नाम पर कमाता यहाँ !! मुल्क या इंसान की किसको यहाँ पड़ी है उठो यारो अब ये भी क्या सोचने की घडी है!! बदलना है कुछ तो इस पुरानी सोच को बदलो इन सियासत के दलालों को जला कर खाक करदो !! दुनिया मे इक नया ज़लज़ला लाओ अब इक ऐसी दुनिया जहां सिर्फ प्यार हो रब !!
कोई कहे दिल की सुनो कोई कहे दिमाग की परेशान मन उलझन मे है क्या करे सुने किसकी !! दिमाग कहे उसे भूल जा दिल कहे उससे दूर न जा क्या करूँ क्या न करूँ कुछ समझ मे आता नहीं !! भूल कर तुझे न जी पाउंगा मैं ये जानती है तूं दूर गया तुझसे मर जाऊंगा ये भी जानती है तूं !! फिर क्यों मानती है दिल की ये बता दे मुझे दूर होकर मुझसे न जी पायेगी ये पता है तुझे !! अब लगता है फैसलें की घडी आयी है आज मान ले दिल की और खोल दे सारे राज़ !! ना जी पायेगी मेरे बिन ये जानती है तूं मै भी न जी पाउँगा तेरे बिन मानती है तूं !! आ वादा करे आज मिलकर एक दुसरे से हम ना मिल पाए इस बार तो लेंगे दुसरा जनम हम !!
ऐ हुसन की परी तूं कोई जादूगरनी है क्या जो िदल को धड़का गया ये वही प्यार है तेरा !! पहले तुने मुझे आिशक बनाया िफर दीवाना प्यार होता है क्या ये मैंने अब जाना !! पहले दीवाना िफर प्रेमी अब शायर बना तेरे प्यार मे न जाने मैं क्या क्या बना !! 'तनु' अब लगा ले गले या िमटा दे मुझे ये दीवाना जान से बढ़ कर चाहता है तुझे !! ये िंजदगी िंजदगी नहीं अगर तूं इसमें नहीं तूं है तो इस िंजदगी से बड़ी िनयामत कोई नहीं !!
आसमान से उतरी एक परी सुंदर काली आँखों वाली सीने मे नाजुक दिल लिए रंग की वो थोडी सांवली !! होठों पर मीठी सी मुस्कान लिए सदा मुझे वो मिलती जब भी मै उदास हुआ उससे देखते मेरी तबीयत खिलती !! पर कभी कभी ये दिल डरता है ठंडी आहे भरता हैं तुझसे बिछुड़ने के ख़याल से मरने को जी करता है !! यूँही हस्ती रहना तुम मेरे मन मै खुशियाँ बिखरना रब से यही दुआ मै मांगू हर जनम मे मेरी बनकर आना !!
तुहीं मेरी जींद मेरी जान मेरे दोस्ता तेरे उत्ते वार देनी जान मेरे दोस्ता !! तेरे बाजो कोन मेरे प्यार नु समझे तुंवी न समझें ते ऐ मेरी बदनसीबी मेरे दोस्ता !! अज्ज दी रात मेरी आिखरी रात है जे रोक सक्दें हथ फड के रोक ले मेरे दोस्ता !! जुबान तो तैनू दोस्त कहना पर तुहे मेरा प्यार मेरे दोस्ता !! मौत दा डर मैनु कदे नहीं सी पर तेरे वास्ते जीना मैं चाहना मेरे दोस्ता !! अज्ज आिखरी वार तैनू मौका है हथ फड के रोक ले मैनु दोस्ता !! एह मौका िफर नईओं आँना बाद चो ना पछ्तावी मेरे दोस्ता !!
दारू कहंदे शान पंजािबया दी कई मेह्िफला एदे िबना अधुिरया ने लोकी ते िपन्दे शोंक नाल सािडया ते मजबूिरया ने अस्सी प्यार उन्ना नु िकता ऐ ओ प्यार साडा नहीं समझे ने अस्सी जान उन्ना ते वार देनी साडी गल नु मजाक समझदे ने जद जान जायेगी यारा दी जुबान ते ना उन्ना दा होवेगा अर्थी िनकलेगी शान दे नाल मरण दा गम वी नहीं होवेगा
अब वक़्त आ गया है तुझसे िकया हर वादा मै िनभा दूं मेरा िदल करता है की अपनी हस्ती को ही िमटा दूं !! ये नामुमिकन है 'तनु' की मै भूल जाऊ तुझे जीते जी तुझसे िकया हर वादा आज मै िनभाऊंगा मर कर भी !! जीते जी तो तुझे पा न सका मै तरसता रहा पल पल मर कर तेरे िदल मै जगह बना लूँगा याद आऊंगा हरपल !! मेरे मरने पर आंसू ना बहाना मेरे जाने का गम न करना इतनी इल्तजा है मेरी मेरे मरने के बाद आंखे नम न करना !!
इस तन्हा रात की 'खामोशी' मे मै तुझ से बाते करता हूँ रात की इस 'खामोशी' मे िसर्फ तेरी ही राह मैं तकता हूँ !! तेरे प्यार मे 'तनु' मैंने ज़माने को भुला िदया अब लेिकन तुझसे कभी िगला िकया बता मैंने कब !! मेरा हर िदन शुरू होता है बस तेरे ही नाम से मेरी िंजदगी ख़तम हो तो बस तेरे ही नाम पर !! मेरे िंदल मे इक तम्मना है जो पूरी हो जाये कभी मेरी जान जाये उस वक़्त तेरी गौद मे सर हो जभी !!
प्यार इश्क मोहब्बत क्या चीज़ है बनाई रब ने जिसने चखा इसे घुटने टेक दिए इसके आगे सबने है ये वो बला "तनु" ना बच के जा पाओगे इससे जब प्यार हो ही गया तो छुपाते हो किस से जब प्यार हो पास तो ये जहा जन्नत सा लगे जब हो जुदाई तो जीना भी भारी लगे रोज़ तुझसे पूछना कि क्या लिखूं तुझ पर बता दे कुछ ऐसा अहसान करदे मुझपर सोते जागते तेरे ही ख़याल आते है आजकल अब तो जुबां पर तेरा ही नाम रहता है अब हरपल
मेरी जिंदगी हो मेरा 'अहसास' हो मेरा प्यार हो तुम जिसे खुदा से भी ज्यादा मानता हूँ वो विश्वास हो तुम !! सब कुछ भूल सकता हूँ इस दुनिया मे अब तेरे सिवा "जो आप को अच्छा लगे " ये हर पल कहना तेरा !! तुझसे किया हर वादा मे निभाऊंगा उम्र भर तेरे नाम लिख चूका हूँ मै जिंदगी का हर पल ये अहसास हम दोनों को है अपने प्यार का मेरी जिंदगी है तेरी मिटा दे या बना ले अपना
आज मौत से सामना हुआ टूटती सांसे िंफर भी रही थी खींच एक कदम का फांसला था मेरी िंजदगी और मौत के बीच !! तेरी हाँ या ना ही बदल सकती थी सब कुछ आज हम दोनों आज जान गए हैं अपने प्यार का हर राज़ !! तेरे होठों पर ना रही पर हर पल िंदल मे तो हां थी मै जान गया आज तूं भी मेरे िंलए िंकतनी परेशान थी !! "तनु" ये मेरा प्यार है आज तूं भी अच्छी तरह से जान गयी मौत के करीब मै खडा था िंफर तुझे क्यों लगा के तेरी जान गयी !!
मेरी गलितयों की इतनी बड़ी सज़ा न दे मुझे जी न पाउँगा मैं तेरे िबन खो कर तुझे !! मुझे दे दे माफ़ी या अपने हाथो से दे ज़हर न छोड़ मुझे यूँ िजदा न ढहा ये कहर !! तूँ जानती है "तनु" मैं न रह पाउँगा तेरे िबन िजदगी है थोडी अब मेरी िगन रहा हूँ िदन !! आज रोया हूँ तेरे सामने िजदगी मे पहली बार तूँ भी जानती है मैं िकतना करता हूँ तुझसे प्यार !! जो ज़ख्म आज खाए हैं मैंने अपने बदन पर वो ज़ख्म जा कर लगे हैं मेरे िदल पर !! आज ये वादा है मेरा तुझसे ऐ मेरे खुदा मै ना जी पाउँगा गर हो गया उससे जुदा !!
मेरी खुिशयों मेरी को मेरी ही नज़र लग जाती है बदनसीबी दो िदन बाद लोट के िफर मेरी पास आती है !! क्यों होता है यु मेरे साथ इस कदर ये जानता नहीं हूँ मैं अब कैसे कहूँ के िकस्मत के िलखे को मानता नहीं हूँ मैं !! खुदा जाने मेरा प्यार कब होगा मेरा ये सोचता हूँ मैं आंखे बंद हो या खुली बस हर पल उसे ही देखता हूँ मैं !! िकस्मत का िलखा तो मुझे िमल के रहेगा मेरे आका मुझे वो दीिजये जो मेरे मुक्कदर मे ना हो कभी अब ऐसा िदन ना आये के वो मेरे पहलु मे ना हो !! ऐसा िदन जो आये तो मुझे उठा लेना ऐ मेरे खुदा मै जी ना पाउँगा अब उसके िबना अगर मे हो गया जुदा !! जुदाई का गम मुझसे िबलकुल भी सहा जाता नहीं है अब मौत को गले लगा लूं तेरे िबन जीया जाता नहीं है अब
तेरे इंतज़ार मै खुली रहती हैं ये आंखे हर पल सुबह से शाम तेरे इंतज़ार मे रहती हैं हर पल न दिन को चैन न रात को आराम है इनको जिसे भी देखो अब वो पागल कहता है मुझको ये मेरा प्यार है कैसे बताऊ सब को कोई नहीं जनता की मै कितना चाहता हूँ तुझको तेरे इंतज़ार मै खुली रहेंगी ये आंखे मर कर भी जीते जी मै भुला ना पाउंगा तुझे चाह कर भी मौत का अब खौफ नहीं है मुझे ये तुझे बता दूं तेरी इन आँखों पर मै अपनी कई जिंदगियां लुटा दूं या खुदा अब तो बस तुझसे ये फिरयाद है मेरी मुझे देदे वो मेरा प्यार जिसमे बसी ज़िन्दगी है मेरी
इन सुंदर काली आँखों मे बस जाने को जी चाहता है झील सी गहरी आँखों मे डूब जाने को जी चाहता है जो प्यार मिला इन आँखों से वो जिंदगी मेरी बन गया इन आँखों की कशिश मे मैं उस खुदा को भी भूल गया तेरी ये आंखे जिंदगी है मेरी यही खुदा है मेरा भूलना चाहता हूँ इस जहा को क्योकि यही मुकाम है मेरा तेरी इन आँखों मे बसी है मेरी तस्वीर हर पल मेरी इन यादो मे बसी है तू और तेरी ये आंखे हर पल
आज तेरे ही घर मे तेरी ही कलम से तुझे एक ख़त िलखा िजसमे तेरे ही ख़याल तेरी ही तस्वीर नज़र आयी तुझ से ही पूछा क्या िलखू तेरे िलए तेरे बारे मे तेरे ही खयालो मे खोया रहा तेरे ही नगमे गाता रहा ना जाने इस सब मे कब िदन गुज़रा कब शाम हुयी मैं ये ही सोचता रहा और क्या िलखू तेरे बारे मे अब जाने का वक़्त आया है और ये सोच रहा हु ये ख़त तुझे कैसे दूं जो आज िलखा है "आज" तेरे ही घर मे तेरी ही कलम से !!
रोज़ रोज़ उनसे िमलने की ख्वाइशे बढ़ने लगी इस प्यार मै अब ये िजंदगी भी छोटी लगने लगी उनके हर इनकार मै इकरार नज़र आता है हमे आँखों में बेइन्तेहा प्यार नज़र आता है हमे जान दे सकते है उनके िलए ये बता देंगे हम आसमा को भी जमी पर उतार लेंगे हम लोग चाँद को पाने की हसरत रखते हैं इस चाँद को तो कब का पा चुके हम !!
मैं जब भी उसे देखता मेरे मन में कुछ होता मैं समझ नहीं पाता की ये क्या है एक दिन मैंने उसे अपने प्यार का इज़हार कर दिया वो हसी और सर को हां मे हिला कर चली गयी धीरे धीरे हम मिलने लगे प्यार बढता गया लेकिन मुझे एक बात हर वक़्त सताती वो कभी भी मेरी किसी बात का बोल कर जवाब नहीं देती जब भी मे कोई बात कहता वो हस्ती सर हिला देती मैं समझ नहीं पाता लेकिन मेरी परेशानी बदती गयी एक दिन उसने मुझे ख़त दिया मैं परेशान था मैंने ख़त पड़ा मेरे हाथ कांपे मे पत्थर की तरह जम गया उसने उसमे लिखा की वो बोल नहीं सकती वो गूंगी है मे सुन्न था क्या करू दिमाग काम नहीं कर रहा मे उसे बहुत प्यार करता हूँ अपनी जान से जादा मैं उसे मिला गले से लगाया खूब रोया और कहा पगली प्यार को लफ्जों की ज़रुरत नहीं मेरा प्यार मेरी जिंदगी है मेरी जिंदगी मेरी बाहों मे है!!
भीगी पलकों पर किसी का नाम है कांपते होठो पर किसी का नाम है ये नाम जो मेरे दिल पर लिखा है कभी लिखता हूँ कभी मिटाता हूँ बस यही अब काम है मेरा कयोकी ये नाम है तेरा !!
मेरे थिरकते होठो पर किसी का नाम आकर रुक गया खुदा भी मेरे इस प्यार के आगे झुक गया !! कहते हैं प्यार मे कोई शर्त नहीं होती मैं प्यार मे शर्त लगा के लुट गया !! मुझे लुटने वाला कोई और नहीं था मेरा खुदा ही मुझे चुपके से लुट गया !!
मेरी खुशियों मेरी को मेरी ही नज़र लग जाती है बदनसीबी दो दिन बाद लोट के फिर मेरी पास आती है !! क्यों होता है यु मेरे साथ इस कदर ये जानता नहीं हूँ मैं अब कैसे कहूँ के किसमत के लिखे को मानता नहीं हूँ मैं !! खुदा जाने मेरा प्यार कब होगा मेरा ये सोचता हूँ मैं आंखे बंद हो या खुली बस हर पल उसे ही देखता हूँ मैं !! किसमत का लिखा तो मुझे मिल के रहेगा मेरे आका मुझे वो दीजिये जो मेरे मुक्कदर मे ना हो कभी अब ऐसा दिन ना आये के वो मेरे पहलु मे ना हो !! ऐसा दिन जो आये तो मुझे उठा लेना ऐ मेरे खुदा मै जी ना पाउँगा अब उसके बिना अगर मे हो गया जुदा !! जुदाई का गम मुझसे बिलकुल भी सहा जाता नहीं है अब मौत को गले लगा लूं तेरे बिन जीया जाता नहीं है अब
जहा देखो हम ही हम हैं
हम ही हम हैं तो क्या हम हैं
जो देखा उसके दिल् मैं तो
मेरे लिए क्या मुहब्बत कम है
यूँ ग़लतफहमी मे जिए कब तक
और ख़ुद पर ज़ुल्म ढाए कब तक
जीना दुश्वार सा लगने लगा है
हमे अब ख़ुद से डर लगने लगा है
ख़ुद से भी डरें तो कब तक
इतना ज़ुल्म ढाए तो कब तक
क्योंकी.......
हम ही हम हैं तो क्या हम हैं