Tuesday, December 8, 2009

आँखों मे अश्क


दिल मे ये दर्द अभी ताज़ा है
लिखूं कुछ ये वक़्त का तकाज़ा है !
गिर पड़ते है आंसू मेरे कागज़ पर
लगता है कलम मे स्याही कम
मेरी आँखों मे अश्क ज्यादा है !!