Friday, October 31, 2008
प्यार इसी को कहते हैं
यूं मेरा रातों को उठ उठ कर जागना
पागलों की तरह इधर उधर भागना !!
क्या प्यार इसी को कहते हैं
हाँ सच है प्यार इसी को कहते हैं !!
तेरी आवाज़ सुनाने को तरसना
ना चाहकर भी आँखों से आंसू बरसना !!
खुद से अपने चेहरे को छुपाना
रोते हुए भी हंस कर दिखाना !!
क्या प्यार इसी को कहते हैं
हाँ सच है प्यार इसी को कहते हैं !!
Sunday, October 26, 2008
ये तड़प
Saturday, October 25, 2008
न होती सरहदे
रात का सन्नाटा चारो तरफ खामोशी
तेरे प्यार मे छाई है मुझ पर यूं बेहोशी!!
दिन भर तड़प कर गुज़रता है मेरा
रात आती है ख़याल लेकर तेरा !!
गर न होते हम इंसान न होती सरहदे
तो क्या होता जो तोड़ देते हम सभी हद्दें !!
फिर कौन हक जताता किसी पर इस कदर
रोज़ हम मिलते न होता किसी का भी डर !!
आज जब तूं बात करने से भी डरती है
तुझे क्या पता मेरी जान किस कदर जलती है !!
दुआएं तुझे जितनी भी दूँ वो बहुत कम हैं
तुझे क्या पता की मेरे सिने मे कितने गम हैं !!
चाहता हूँ तेरे चेहरे पर मुस्कुराहट हो हमेशां
पर जानता हूँ तूं कैसे खुश रहेगी गर मै हूँ परेशां!!
Saturday, October 18, 2008
जीने का राज
यूँ लगता है रह न पाउँगा मै अब बिन तेरे
क्या फर्क पड़ता है हमने लिए नही जो फेरे !!
रिश्ता है ये रूह का ये दोनों जानते है हम
आओ खुशिया बांटे जिंदगी मे रहे न कोई गम !!
कल के भरोसे रहे न हम जी लें जिंदगी आज
जान गए हम खुशियों से जीने का यही है राज !!
इक दूजे बिन रह नही पाते सच जान गए हम
खुशियों को बांटो और भुला दो सारे गम !!
Thursday, October 16, 2008
मेरा गीत हो तुम
जो मेरे होठों पर रहे सदा वो गीत हो तुम
जो मेरे कानो मे बजे सदा वो संगीत हो तुम !!
जिसके छूने से झनझना उठे मन वो सितार हो तुम
जिसके लिए मे जिंदा हूँ अब तक वो प्यार हो तुम !!
न मिलते तुम मुझे तो मै कहा होता क्या करता
अब मिले हो तुम तो ये दिल् बिछड़ने से है डरता !!
आज करो वादा न जाओगे मेरी जिंदगी से कभी
निभादो सारी कसमे पुरे करो आज वादे सभी!!
रंज न रहे दिल् मे कोई भी मरने के बाद
यूँही गीत संगीत बजते रहे मेरे जाने के बाद !!
Monday, October 13, 2008
वाएदे ख़वाब
ख़वाब तो हम बहुत देखते हैं
पर पूरा होता है कोई कोई !!
जिंदगी के सफ़र मे दोस्त बहुत मिलते हैं
पर दिल् मे उतरता है कोई कोई !!
चिराग तो सिर्फ रौशनी करते हैं
दिल् के अँधेरे दूर करता है कोई कोई !!
गलतियां तो सभी करते है
पर गलती करके कबूलता है कोई कोई !!
सुख मे तो सभी साथ आते हैं
दुःख मे साथ निभाता है कोई कोई !!
वाएदे तो जान देने के हर कोई करता है
वक़्त आने पर जान देता है कोई कोई !!
Sunday, October 12, 2008
दर्द का एह्साह
तेरे दर्द का एह्साह मुझे होता है
कांटा तुझे चुभे दर्द मुझे होता है !!
तेरी आँख मे गर आंसू हो तो
दिल् मेरा ज़ार ज़ार रोता है !!
दूरी का एहसास हुआ तो पता चला
जिसे प्यार कहते थे वो प्यार क्या होता है!!
आज मेरे दिल् की तड़प ने समझा दिया
बिछुड़ने से दिल् का हाल क्या होता है !!
न दिन को चैन न आराम रातों को मुझे
मेरा हाल क्या है अब क्या बताऊँ तुझे !!
मेरे बिन बताये भी सब जानती है तूं
तुझसे बिछुड़ कर कब तक जिऊँगा यूं !!
अब समझ और पहचान हालातों को
प्यार को समझ और समझ मेरी बातों को !!
Tuesday, October 7, 2008
कौम के ठेकेदार
दो चेहरे लिए घूम रहे हैं लोग, ज़रा बच के रहना
दिल मे कुछ है जुबां पर कुछ और, ज़रा बच के रहना!!
सफ़ेद कपडे पहने घूम रहे है, दिल के काले लोग
खुद को साधू कहते हैं जो, विलास रहे हैं भोग!!
किस पर कितना करे यकीं समझ नहीं है आता
एक से बड़कर एक पड़े हैं मोदी हो या टाटा !!
हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई कहने को हम सब भाई
जिसका मौका जहा लगा औकात उसी ने दिखलाई !!
मज़हब के नाम पर धंदा करते हैं कौम के ठेकेदार
जो हमको लूट रहे हैं हम बने उन्ही के पहरेदार !!
न जाने कब जागेंगे हम और पहचानेंगे इनको
वही हमे लूट रहे हैं चुन कर भेजा था हमने जिनको !!
हिम्मत
आज तुने जो हिम्मत दिखाई है
मेरी जान मे फिर से जान आई है !!
अपने हक के लिए बोलना बहुत सिखाया मैंने
आज तुने जुबां खोल कर मेरी इज्ज़त बढ़ाई है !!
खुद के लिए लड़ना कभी गलत नहीं रहा
लेकिन ज़ुल्म सहना सबसे बड़ी बुराई है !!
युहीं रहना तुम हक के लिए लड़ना
खुदा के सिवा किसी और से न डरना !!
तूँ खुश रहे सदा मेरी दुआ है हर पल
नया सवेरा लेकर आये तेरा आने वाला कल !!
Thursday, October 2, 2008
दीवाने मिटेंगे नहीं
तुझे क्यों लगे अब घडी बिछुड़ने की आई है
मेरी मान कुछ भी नहीं बदलेगा यही सचाई है !!
खुद को मजबूत बना तूं साथ मेरा दे हर पल
जैसे हम आज मिले है यूँही मिलते रहेंगे कल !!
क्यों डरती है तूं इस जालिम ज़माने से इस कदर
हमने तो सिर्फ़ प्यार किया है कोई फैलाया नहीं ग़दर !!
फ़िर डरना क्यों इस बेदर्द ज़माने से
मिटेंगे न प्यार के दीवाने किसी के मिटाने से !!
तुझे कई बार समझाया बात मेरी मान
ज़माना मिटा नहीं पायेगा हमारी यूं पहचान !!
मेरी मान कुछ भी नहीं बदलेगा यही सचाई है !!
खुद को मजबूत बना तूं साथ मेरा दे हर पल
जैसे हम आज मिले है यूँही मिलते रहेंगे कल !!
क्यों डरती है तूं इस जालिम ज़माने से इस कदर
हमने तो सिर्फ़ प्यार किया है कोई फैलाया नहीं ग़दर !!
फ़िर डरना क्यों इस बेदर्द ज़माने से
मिटेंगे न प्यार के दीवाने किसी के मिटाने से !!
तुझे कई बार समझाया बात मेरी मान
ज़माना मिटा नहीं पायेगा हमारी यूं पहचान !!
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