Saturday, December 27, 2008

नया साल है


जाने वाले तेरा शुक्रिया
आने वाले तुझे सलाम है !!
जो बीत गया वो सपना था
जो आ रहा वो नया साल है !!
खुदा करे सब खुशिया बांटे
मेरी यही दुआ हर बार है !!
छोडो पिछली बातें सारी
नए का स्वागत अब करना है !!
आओ मिल कर बैठे सोचें
अब क्या क्या अच्छा करना है !!

Friday, December 26, 2008

जो खुदा मिले तो


कियूं रखूं अपनी कलम मे स्याही मैं
जब कोई अरमान दिल मे मचलता नहीं!!
नहीं जानता मै कियूं शक करते हैं सब मुझ पर
जब मेरी किताब मै कोई सुखा फूल ही नहीं !!
प्यार तो बहुत करता हूँ उसको मैं पर क्या करुँ
यह पत्थर दिल है की पिघलता ही नहीं !!
जो खुदा मिले तो उस से अपना प्यार मांगूं
पर सूना है की वो किसी से मिलता ही नहीं !!

Wednesday, December 24, 2008

खुद को खो बैठे हम


चाँद को पाने की तम्मना कर बैठे हम
दिल देकर जिंदगी का सौदा कर बैठे हम !!
उनको पाया तो लगा चाँद को पा लिया
वो रूठे तो लगा जिंदगी खो बैठे हम !!
वो समझते रहे मज़ाक जिस बात को
उस को निभाने मे खुद को भी खो बैठे हम !!
आज निकले है खुद की तलाश मे ऐ खुदा
दिखाना रास्ता वर्ना फिर से भटक जायेंगे ये कदम !!

Saturday, December 20, 2008

टुकड़े कफ़न के


हकीक़त महज़ खेल होती जिस्मो का अगर
तो दुनियां आज भुला देती नाम आशिकों के !!
आँखों से गिरे ये आंसू तेरे प्यार की निशानी है
तूं समझे तो हीरा न समझे तो छींटे पानी के !!
किसी को मिल जाती है रंगीन बहारें यहाँ
किसी को नसीब नहीं होते नज़ारे चमन के !!
किसी की कब्र पे बनता ताज महल यहाँ
किसी को नसीब नहीं होते टुकड़े कफ़न के !!

Saturday, December 13, 2008

मुहब्बत प्यार की बातें


बहुत याद आती हैं यार की बातें
जब कभी चलती है प्यार की बातें !!
खूबसूरत फूलों की याद आती है
जब कोई करता है बहार की बातें !!
झांजर झुमके काजल और लाली
सब मिल के रचते श्रृंगार की बातें !!
आँखों मे शर्म लबों पे कम्पन
उफ़ ये उनके इज़हार की बातें !!
भुला दो इस ज़माने को आज
आओ करें मुहब्बत प्यार की बातें !!

Wednesday, December 10, 2008

प्यार है रब


आज फिर खुदा ने पूछा मुझे कि
तेरा हसता हुआ चेहरा उदास क्यों है !!
इन भीगी हूई आँखों मे
इतनी तड़प और प्यास क्यों है !!
जिनकी नज़रों मे तूं कुछ भी नहीं
वो तेरे लिए इतना ख़ास क्यों है !!
मैंने हस्ते हुए कहा खुदा से गर प्यार नहीं रब
तो मेरे लिए वो भी परेशान क्यों है !!

Wednesday, December 3, 2008

तेरी धड़कन


कहीं अकेला न मर जाऊँ
कोई दे जा याद सिन्धुरी
तुझे बिन देखे रह नहीं सकता,
है मेरे नैनो की मजबूरी!!
तूं लाख कोशिश कर ले
बन नींद तेरी आँखों मे रढ़कुंगा
आसानी से नहीं भूलेगी तूं
तेरी धड़कन बन के धड्कुंगा!!
तेरे बिन मै न जी पाउँगा
ये मुझे भी है पता जानती है तूं भी
न पा सका तुझे तो मर जाऊंगा
जिंदगी बेमतलब थी यूं भी !!

Tuesday, December 2, 2008

प्यार की गहरायी


एक मुद्दत हो गयी एक दूजे से दूर थे हम तुम
एक ज़माने के बाद यूं मिलना अच्छा लगा !!
सागर की गहरायी जैसा लगा प्यार तुमारा
तैरना आता नहीं था पर डूबना अच्छा लगा !!
तेरे बिन जीना दूभर और मरना भी मुश्किल
तेरा साथ पाकर जिंदगी का हर लम्हा जन्नत लगा !!
लोग पूछेंगे हमारी मुहब्बत के बारे मे अगर
नंगे पाँव रेत पर हमे चलना अच्छा लगा !!